दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज विधानसभा में एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह बजट इसलिए भी खास है क्योंकि बीजेपी सरकार को 27 साल बाद इसे पेश करने का अवसर मिला है। इस बजट में राजधानी के विकास के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं, जिनमें कैमरे, फ्लाईओवर, अटल कैंटीन, आयुष्मान योजना और महिला समृद्धि योजना शामिल हैं।
बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली को लंदन बनाने के सपने दिखाने वालों ने इसे टूटी सड़कों, अधूरी परियोजनाओं और अव्यवस्थित राजधानी में बदल दिया। वर्षों बाद आए इस बजट में क्या कुछ खास है, आइए जानते हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट पेश करते हुए बताया कि पिछली सरकार के दौरान 2023/24 का बजट 78,800 करोड़ रुपये था, जो 2024/25 में घटकर 76,000 करोड़ रुपये रह गया। वहीं, पूंजीगत व्यय को 15,000 करोड़ से बढ़ाकर 28,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने योजनाओं में अपना नाम जोड़ने के लिए आयुष्मान योजना को लागू नहीं होने दिया, लेकिन उनकी सरकार ने इसे पहली कैबिनेट बैठक में ही मंजूरी दे दी है। अब इस योजना में केंद्र द्वारा दिए गए 5 लाख रुपये के साथ दिल्ली सरकार भी 5 लाख रुपये का टॉप-अप करेगी, जिससे राजधानी के नागरिकों को 10 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा। इसके लिए 2,144 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में 50,000 अतिरिक्त कैमरे लगाए जाएंगे। वहीं, शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए फ्लाईओवर परियोजनाओं के लिए 3,843 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कुल बजट का 72% राजस्व व्यय और 28% पूंजीगत व्यय होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी होते हुए भी बड़ी आबादी झुग्गियों में रहने को मजबूर है। पिछली सरकार ने बजट तो रखा लेकिन खर्च नहीं किया। अब झुग्गियों के विकास के लिए 696 करोड़ रुपये आवंटित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व सरकार झुग्गीवासियों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखती थी और भाजपा को लेकर उन्हें गुमराह करती थी। इसके समाधान के लिए 700 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछली सरकार ने कोई सहयोग नहीं किया क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री का नाम जुड़ा था। अब इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजन हर व्यक्ति की मूलभूत जरूरत है। इस दिशा में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 100 स्थानों पर कैंटीन खोली जाएंगी, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। वहीं, दिल्ली के हर नागरिक को स्वच्छ जल आपूर्ति सुनिश्चित करने और यमुना की सफाई के लिए 9,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस बार पानी के टैंकरों में GPS लगाए जाएंगे, जो ऐप से जुड़े होंगे, जिससे RWA इन्हें ट्रैक कर सकेगी।
दिल्ली में पानी की चोरी रोकने के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से इंटेलिजेंट मीटर लगाए जाएंगे। नजफगढ़ नाले के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि 500 करोड़ रुपये की लागत से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत और विकास किया जाएगा। इसमें से 250 करोड़ रुपये पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत पर खर्च किए जाएंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र में 24 योजनाओं की शुरुआत हुई थी, लेकिन वे अधर में लटकी हुई हैं। सात परियोजनाओं की उपयोगिता शून्य रही है, जिसके चलते ठेकेदारों पर 100-100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 24 में से 10 से 12 अस्पतालों के पुनर्विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके अलावा, 400 हेल्थ वेलनेस सेंटर और आयुष्मान योजना के लिए 320 करोड़ रुपये तथा स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव किए जाएंगे। पहले, हर साल नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा में लगभग 1.5 लाख बच्चे फेल कर दिए जाते थे। अब 2025/26 में नए 'सीएम श्री स्कूल' खोले जाएंगे, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
100 सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषा सिखाने के लिए 21 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जबकि 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बच्चों को ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ सिखाई जाएगी। 7,000 कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में बदला जाएगा।
इसके अलावा, 10वीं से 11वीं कक्षा में जाने वाले 1,200 बच्चों को 7.5 करोड़ रुपये की लागत से लैपटॉप दिए जाएंगे, जिससे उनकी डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिले।