Maharashtra Elections: महायुति सरकार फिर से सत्ता में? जानें क्यों हो रहे हैं बड़े दावे!
By: Sandeep Gupta Mon, 18 Nov 2024 10:37:13
महाराष्ट्र में इस बार महायुति की जीत की संभावनाएं अधिक मानी जा रही हैं। मीडिया समूहों ने चुनाव से संबंधित अपने अनुमान व्यक्त किए हैं। विभिन्न अनुमानों के अनुसार महाराष्ट्र में फिर से महायुती की सरकार सत्ता में आने की संभावना जताई जा रही है। महायुति ने सरकार बनने पर लड़की बहिन स्कीम के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने 2100 रुपये और किसानों को कर्जमाफी का वादा किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर महायुति के चुनावी घोषणा पत्र में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। ये पहला मौका नहीं है जब शिंदे सरकार ने सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा है। इससे पहले भी महायुति सरकार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विकास के लिए कई योजनाएं चलाईं गईं और इसे अब और आगे बढ़ाने का वादा किया गया है।
पिछले विधानमंडल के अंतिम बजट सत्र में महाराष्ट्र के वित्त मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने "लाडकी बहन" योजना की घोषणा की थी। यह योजना पात्र लाभार्थी महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपये देने की थी। घोषणा से ही इस योजना को भारी समर्थन मिला। हालांकि बढ़ते समर्थन के साथ ही यह योजना विरोधियों की आलोचना का भी केंद्र बनी।
लड़की बहिन स्कीम के तहत बढ़ी राशि
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बिल्कुल नजदीक है और विभिन्न मीडिया समूहों ने चुनाव से संबंधित अपने अनुमान व्यक्त किए हैं। विभिन्न अनुमानों के अनुसार महाराष्ट्र में फिर से महायुती की सरकार सत्ता में आने की संभावना जताई जा रही है। अगर महायुती की सरकार आती है तो महिलाओं के खाते में हर महीने 2100 रुपये और किसानों को कर्जमाफी मिलेगी। महायुती सरकार के सत्ता में आने की भविष्यवाणियों के कारण किसान और महिला वर्ग में संतोष और खुशी की भावना देखी जा रही है।
'फिर बनेगी महायुति की सरकार'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बिल्कुल नजदीक है और विभिन्न मीडिया समूहों ने चुनाव से संबंधित अपने अनुमान व्यक्त किए हैं। विभिन्न अनुमानों के अनुसार महाराष्ट्र में फिर से महायुती की सरकार सत्ता में आने की संभावना जताई जा रही है।
चुनावी एजेंडे के तहत विपक्ष लगातार महायुति को लेकर आरोप लगा रही है। लेकिन इसका धरातल कोई असर होता नहीं दिख रहा। विपक्ष में शामिल दलों ने महायुति के चुनावी घोषणा पत्र को सिर्फ एक जुमला बताया। अपनी टिप्पणी में विपक्ष ने कहा, "सरकार पैसे नहीं देगी, दिए गए पैसे वापस लेगी, यह योजना सिर्फ एक जुमला है।"