MP: यूक्रेन मे फंसी बेटी के लिए परेशान मां हुई ठगी का शिकार, फ्लाइट टिकट दिलाने के नाम पर हड़पे 42,000 रूपये

By: Pinki Fri, 25 Feb 2022 10:07:39

MP: यूक्रेन मे फंसी बेटी के लिए परेशान मां हुई ठगी का शिकार,  फ्लाइट टिकट दिलाने के नाम पर हड़पे 42,000 रूपये

यूक्रेन पर रूस के हमले का आज दूसरा दिन है। यूक्रेन की राजधानी कीव में शुक्रवार सुबह कई धमाके सुने गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के पूरी सेना को युद्ध में उतारने का ऐलान किया है। यूक्रेन ने दावा किया है कि उनकी फोर्सेस ने 800 से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार गिराया है। 30 रूसी टैंक और 7 जासूसी एयरक्राफ्ट को भी तबाह कर दिया है। उधर, यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां हजारों भारतीय फंस गए हैं। इन्हीं में से एक विदिशा की सृष्टि भी हैं। जिनके भारत वापस आने की संभावना तो बन भी नहीं पाई थी कि विदिशा मे रह रही मां ठगी का शिकार हो गईं। पीएमओ कार्यालय का कर्मचारी बनकर ठग ने बेटी को यूक्रेन से वापस लाने के लिए फ्लाइट टिकट दिलवाने के नाम पर बैक एकाउंट मे 44,000 रुपए डलवा लिये और दो दिन बीतने के बाद भी टिकट नहीं मिला तो परेशान मां ने पुलिस में शिकायत की।

विदिशा निवासी बैशाली विल्सन की बेटी सृष्टि यूक्रेन मे रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। लेकिन अब युद्ध को देखते हुए मां अपनी बेटी को वापस भारत लाने के लिए हर तरह के जतन कर रही हैं। ऐसे मे एक ठग ने भी मौके का फायदा उठाकर मां से 44,000 रुपए फ्लाइट के टिकट के नाम पर ठग लिए।

ठग ने पीएमओ कार्यालय का नाम लेकर फोन किया और बेटी को वापस लाने के लिए टिकट करवाने की बात कही। परेशान मां ने तुरंत उसके बताये गए अकाउंट मे पैसे डाल दिए, लेकिन दो दिन बीतने पर भी जब टिकट नहीं मिला तो पुलिस से गुहार लगाई। इसी बीच ठग ने भी 5,900 रुपए खाते मे वापस कर दिए और बाकि रुपए भी जल्द लौटाने की बात कही है।

कोतवाली टीआई आशुतोष सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत पर संबंधित बैंक को पत्र भेजा जा रहा है। ताकि जिस बैंक खाते में राशि जमा करवाई गई है उसके खाता धारक का नाम और पते की जानकारी मिल सके। इसके साथ ही पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।

आपको बता दे, यूक्रेन के बॉर्डर शहर खार्कीव में रूसी जेट्स और टैंकों की गोलाबारी के बीच करीब 15 हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, उनकी बेचैनी बढ़ती जा रही है। स्टूडेंटस ने बेसमेंट, बंकर और यहां तक कि अंडरपास में पनाह ले रखी है। अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर भूखे प्यासे इन छात्रों ने अपने जीवन में कभी ऐसे बुरे हालात की कल्पना भी नहीं की थी। वहीं भारतीय एंबेसी की कोशिश है कि इन छात्रों को किसी तरह निकाल कर पड़ोसी देश हंगरी भेजा जाए, जहां से इन्हें भारत लाया जा सके।

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