नेता प्रतिपक्ष के बेटे पलाश चंदेल को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, बलात्कार व गर्भपात मामले में FIR रद्द

By: Rajesh Bhagtani Sat, 23 Sept 2023 10:28:06

नेता प्रतिपक्ष के बेटे पलाश चंदेल को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, बलात्कार व गर्भपात मामले में FIR रद्द

बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल के खिलाफ शिक्षिका द्वारा करवाई गई बलात्कार व गर्भपात सहित अन्य मामलों में एफआईआर को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने माना है कि प्रार्थिया वयस्क और समझदार थी। उसे संबंधों के बारे में पूरी समझ थी और जो भी हुआ सहमति से हुआ। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर स्कूल शिक्षिका ने रायपुर में रेप का आरोप लगा शिकायत की थी।

शिकायत में बताया था कि वह स्कूल टीचर है। 2018 में फेसबुक के माध्यम से पलाश से दोस्ती हुई। पलाश ने शादी का झांसा देकर लंबे समय तक यौन संबंध बनाया। शारीरिक संबंधों के चलते वह 2021 में गर्भवती हो गई। पलाश ने उसे धोखे से गर्भपात की दवा खिला दी, जिससे उसका गर्भपात हो गया। पीड़िता ने पलाश द्वारा मारपीट करने व नौकरी से निकलवाने की धमकी देने का आरोप भी लगाया था।

पीड़िता की शिकायत पर रायपुर के महिला थाने में अपराध दर्ज कर केस डायरी जांजगीर स्थानांतरित कर दी गई थी। जांजगीर पुलिस ने पलाश की गिरफ्तारी के लिए नेता प्रतिपक्ष चंदेल के घर के अलावा अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी थी। अप्रैल माह में पलाश को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। पलाश ने पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर मुचलका ले लिया था। साथ ही गिरफ्तारी के लिए हरि अग्रवाल के माध्यम से एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

आरोपी से महिला 10 साल बड़ी और परिपक्व

अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि प्रार्थिया पढ़ी लिखी समझदार महिला है, जो कि शासकीय सेवा में है। साथ ही वह आरोपी से दस साल बड़ी है। पलाश की उम्र 27 साल तो वही प्रार्थिया की उम्र 37 साल है। ऐसे में कैसे प्रार्थिया को याचिकाकर्ता शादी का झांसा दे सकता है ? दोनों के मध्य दोस्ती जरूर थी पर यह दोनों की सहमति से थी जो तीन साल तक चली। प्रार्थिया पहले से ही शादीशुदा थी, जो पलाश की जानकारी में था।

ऐसी स्थिति में शादी का झांसा देकर यौन शोषण का प्रश्न ही नहीं उठता। पहले से शादीशुदा महिला को शादी का झांसा कैसे दिया जा सकता है। दोनों के मध्य जो भी हुआ वह दोनों की सहमति से ही हुआ है। वयस्क होने के नाते प्रार्थिया अपने हितों के लिए पूर्णतः परिपक्क थी, अतः उसे झांसा देकर एबॉर्शन नहीं करवाया जा सकता। महिला का यह भी कहना है कि उसकी मर्जी के बिना गर्भपात करवाया गया जो कि संभव नहीं है।

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