मुंबई। देश के प्रमुख प्राइवेट बैंकों में से एक, इंडसइंड बैंक के शेयरों में आज 11 मार्च को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में 22% तक क्रैश होकर 696.65 रुपये पर आ गए। इंडसइंड बैंक के शेयर ने बीएसई पर 720.50 रुपये प्रति शेयर के 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ।
यह इसका पिछले एक साल का नया निचला स्तर है। यह गिरावट तब आई जब बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में खामियों की बात स्वीकारी, जिसके चलते इसके मुनाफे पर लगभग 1,500 करोड़ रुपये का असर पड़ने का अनुमान जताया जा रहा है। यह जानकारी सामने के बाद आई कई ब्रोकरेज फर्मों और एनालिस्ट्स ने शेयर की रेटिंग और टारगेट प्राइस घटा दिए, जिससे निवेशकों का भरोसा और कमजोर हुआ है।
इंडसइंड बैंक ने सोमवार देर शाम शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की आंतरिक समीक्षा के दौरान 'अदर एसेट और अदर लाएबिलिटी खातों' के बैलेंस में कुछ गड़बड़ियां पाई हैं। बैंक ने बताया कि दिसंबर 2024 के आंकड़ों के आधार पर, इसका बैंक के कुल नेटवर्थ पर करीब 2.35 फीसदी का नकारात्मक असर पड़ सकता है।
इस खबर के बाद शेयरों में गिरावट देखी गई. रिव्यू से पता चला है कि दिसंबर 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 फीसदी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है, जो 1,530 करोड़ रुपये के संभावित नुकसान के बराबर है। दिसंबर 2024 के अंत में बैंक की कुल संपत्ति 65,102 करोड़ रुपये थी।
शेयरों में क्यों आई गिरावट?
देश के पांचवें सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक इंडसइंड बैंक ने कहा कि उसे अपने डेरिवेटिव ट्रेडों में विसंगतियों के कारण दिसंबर 2024 तक अपने नेटवर्थ में 2.35 फीसदी की गिरावट की उम्मीद है, जो अप्रैल 2024 से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लागू नियमों के अनुरूप नहीं थे।
बैंक की इंटरनल रिव्यू में दिसंबर 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 फीसदी प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगाया है। इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को एक नियामक फाइलिंग में कहा कि बैंक ने समानांतर रूप से आंतरिक निष्कर्षों की स्वतंत्र समीक्षा और सत्यापन के लिए एक प्रतिष्ठित बाहरी एजेंसी भी नियुक्त की है। बाहरी एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है और उसके आधार पर बैंक अपने वित्तीय विवरणों में किसी भी परिणामी प्रभाव पर उचित रूप से विचार करेगा। बैंक की लाभप्रदता और पूंजी पर्याप्तता इस एकमुश्त प्रभाव को अवशोषित करने के लिए स्वस्थ बनी हुई है।
ये व्यापार 1 अप्रैल 2024 से पहले 5-7 वर्ष की अवधि से संबंधित हैं। इस नुकसान की भरपाई आय विवरण के माध्यम से करनी होगी। गैर-ब्याज आय (एनआईआई) के माध्यम से, और यह वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में किया जाएगा।