ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को एक मजबूत और निर्णायक नेता के रूप में और अधिक सुदृढ़ कर दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई के बाद, देशभर में एक नई बहस शुरू हो गई है—क्या पीएम मोदी इंदिरा गांधी जैसे कड़े फैसले लेने वाले पूर्व नेताओं के समकक्ष या उनसे भी अधिक सक्षम हैं? इसी संदर्भ में आईएएनएस मैटराइज ने एक विस्तृत सर्वे किया है, जिसके नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं।
लोगों ने किसे बताया सबसे सशक्त नेता?
आईएएनएस मैटराइज के सर्वे में यह सवाल उठाया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी में से कौन अधिक निर्णायक और सशक्त नेता हैं? इस सवाल के जवाब में 42% लोगों ने नरेंद्र मोदी को देशहित में अधिक सशक्त फैसले लेने वाला नेता माना। वहीं 29% लोगों ने इंदिरा गांधी को इस श्रेणी में आगे बताया।
इसके अलावा, 17% उत्तरदाताओं का मानना था कि दोनों ही नेता अपने-अपने समय में समान रूप से सक्षम रहे हैं। वहीं 5% लोगों ने कहा कि दोनों ही इस मामले में प्रभावशाली नहीं रहे, और 7% लोग इस सवाल पर स्पष्ट राय नहीं दे सके।
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के बाद लोगों की राय
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की। इस मिशन के अंतर्गत भारतीय सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकियों का सफाया कर दिया गया और दुश्मन के कई ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
इस पृष्ठभूमि में, आईएएनएस मैटराइज ने एक अन्य सवाल पूछा—क्या पाकिस्तान जैसे परमाणु संपन्न देश के भीतर जाकर हमला करना भारत की सैन्य इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि है?
इसके जवाब में, 72% लोगों ने इसे सदी की सबसे बड़ी रणनीतिक और सैन्य उपलब्धि करार दिया। 9% लोगों ने इसे आंशिक रूप से उल्लेखनीय माना, जबकि 12% ने इससे असहमति जताई और इसे बड़ी उपलब्धि मानने से इनकार किया। वहीं, 7% लोगों ने इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं दी।