मालद्वीप से भारतीय सैनिकों को वापस बुला सकता है भारत, वापसी की योजना पर होगी चर्चा

By: Rajesh Bhagtani Wed, 17 Jan 2024 3:18:17

मालद्वीप से भारतीय सैनिकों को वापस बुला सकता है भारत, वापसी की योजना पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। मालद्वीप से बिगड़े संबंध के बाद भारत अगले महीने होने वाले उच्च स्तरीय कोर समूह की वार्ता के दौरान भारतीय सैनिकों की वापसी की योजना पर चर्चा के लिए तैयार है। ज्ञातव्य है कि मालद्वीप में दो एएलएच हेलीकॉप्टर, एक डोर्नियर और एक अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी) तैनात हैं। इनके ऑपरेशन के लिए वहां भारतीय सैनिक भी मौजूद हैं। मालद्वीप के राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत से अपने सैनिकों को वहां से वापस बुलाने की अपील की थी।

भारत ने हालांकि अभी तक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सरकार की मांग पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। राष्ट्रपति ने कहा है कि 17 मार्च को महत्वपूर्ण मजलिस चुनाव से दो दिन पहले 15 मार्च तक भारत अपने सैनिकों को वापस बुला ले।

14 और 15 जनवरी को कोर ग्रुप की पहली बैठक में मालद्वीप के प्रतिनिधि अली नसीर ने मालद्वीप में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर से 15 मार्च तक सैनिकों की जगह नागरिकों को भेजने के लिए कहा था।

मालद्वीप में फिलहाल दो एएलएच, एक डोर्नियर विमान और एक ओपीवी तैनात हैं। सभी को फिलहाल रोक दिया गया है। राष्ट्रपति मुइजू ने मजलिस चुनावों से पहले भारत विरोधी अभियान को बल दिया है। 14 जनवरी को मुइजू की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी से माले मेयर का चुनाव हारने के बाद मालद्वीप की स्थिति और अधिक स्पष्ट हो गई है। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी भारत के साथ संबंध बनाए रखना चाहती है।

बीजिंग से मांग सकता है समर्थन

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, शी जिनपिंग की सरकार के द्वारा सिंगापुर में निजी कंपनियों के कर्मचारियों की व्यवस्था करने के साथ मुइजू भारतीय संपत्तियों को चीनी संपत्तियों से बदलने के लिए बीजिंग से समर्थन मांग सकता है। हालांकि इस कदम से मुइजू को करीब एक करोड़ डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है। नकदी की तंगी से जूझ रही मालद्वीप की अर्थव्यवस्था के लिए इसे बर्दाश्त करना आसान नहीं होगा। मालद्वीप पर चीन और भारत का कर्ज उसकी जीडीपी का 30% और 10% है। उसे इस वर्ष भारत को 10 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है।

बातचीत के दौरान माले ने एकमात्र महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया, वह थी रक्षा कर्मियों की वापसी। भारत द्वारा वित्त पोषित और प्रबंधित ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर कोई चर्चा नहीं हुई। मालद्वीप में शुरू की गई यह सबसे बड़ी बुनियादी परियोजना है। इस परियोजना को भारत से 100 मिलियन डॉलर के अनुदान और 400 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत वित्त पोषित किया गया है। इस परियोजना में 6.74 किलोमीटर लंबे पुल और कॉजवे लिंक की परिकल्पना की गई है जो माले को विलिंग्ली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ेगा।

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com