जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में कर्नाटक के शिवमोग्गा निवासी मंजुनाथ की मौके पर ही मौत हो गई। वह अपनी पत्नी पल्लवी और छोटे बेटे के साथ कश्मीर घूमने आए थे। यह परिवार एक खुशनुमा छुट्टी पर था, लेकिन एक दर्दनाक हादसे ने सब कुछ बदल दिया।
हमले की भयावहता को याद करते हुए पल्लवी ने बताया, “हम तीनों – मैं, मेरे पति और बेटा – कश्मीर घूमने आए थे। दोपहर करीब 1:30 बजे हम पहलगाम में थे, तभी यह हमला हुआ। उन्होंने मेरे पति को मेरी आंखों के सामने मार डाला। यह अब भी किसी बुरे सपने जैसा लगता है।”
पल्लवी ने बताया कि हमला करने वाले चार लोग थे और ऐसा लग रहा था कि वे हिंदू पर्यटकों को निशाना बना रहे थे। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा कि जब मेरे पति को मार ही दिया है तो मुझे भी मार दो। इस पर उनमें से एक ने कहा – 'मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, मोदी से जाकर कह दो।'”
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पल्लवी की मदद की। उन्होंने बताया, “तीन स्थानीय लोग मुझे बचाकर वहां से ले गए”।
पल्लवी ने सरकार से अपील की है कि उनके पति के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द एयरलिफ्ट कर शिवमोग्गा पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा, “यहां से शव को नीचे लाना आसान नहीं है, इसे एयरलिफ्ट करना पड़ेगा,”।
मंजुनाथ और पल्लवी की एक हालिया वीडियो में वे कश्मीर में अपनी यात्रा का आनंद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसमें वे बता रहे हैं कि एक दिन पहले उन्होंने हाउसबोट में रात बिताई और शिकारा की सवारी का लुत्फ उठा रहे थे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की निंदा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “इस दिल दहला देने वाली घटना में कर्नाटक के नागरिक भी शिकार बने हैं। मैंने मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है। दिल्ली स्थित रेज़िडेंट कमिश्नर से भी बात की है। राज्य सरकार पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देगी।”
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, मारे गए पर्यटकों में अधिकतर भारतीय हैं, लेकिन दो विदेशी नागरिकों की पहचान भी हुई है, जिनके बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।