पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो इस समय 190 मिलियन पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में रावलपिंडी की अदियाला जेल में सजा काट रहे हैं, को लेकर एक नया मोड़ तब आया जब उनके बेटों ने पहली बार दुनिया के सामने आकर अपने पिता की जेल स्थितियों पर गंभीर चिंता जाहिर की। सुलेमान खान (28) और क़ासिम खान (26) ने खुलकर कहा है कि अब तक वे कानूनी प्रक्रियाओं का सम्मान करते रहे, लेकिन हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि उन्हें मौन तोड़ना पड़ा।
ब्रिटेन में रहने वाले दोनों बेटों ने अदियाला जेल में इमरान की स्थिति को "गंभीर रूप से अमानवीय" करार दिया और कहा कि अब न्याय की उम्मीद केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव से ही की जा सकती है।
ऑनलाइन इंटरव्यू में कासिम खान ने कहा कि "हर कानूनी रास्ता आज़मा लिया, अब बोलने के अलावा कुछ नहीं बचा। हमने हर कानूनी रास्ता अपनाया, हर कोशिश की, लेकिन अब हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। इसलिए हमने तय किया है कि अब सार्वजनिक रूप से सामने आकर बात करनी होगी।"
उनका कहना है कि कानूनी रास्ते खत्म हो चुके हैं, और अब चुप रहना अन्याय को स्वीकृति देने जैसा होगा। बेटों ने आरोप लगाया कि जेल में उनके पिता को न तो नियमित संवाद की अनुमति दी जा रही है और न ही बुनियादी मानवाधिकार दिए जा रहे हैं। यह सिर्फ एक राजनीतिक बंदी की लड़ाई नहीं, बल्कि मानव गरिमा की रक्षा की पुकार है — जो अब सीमाओं से परे जा चुकी है।
इंटरव्यू के दौरान क़ासिम ने बेहद भावुक होते हुए कहा, “हमने हर कानूनी दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हमारे पिता को ऐसे रखा गया है जैसे वो कोई कैदी नहीं, बल्कि एक खतरा हों।" उन्होंने यह भी दावा किया कि अदालत द्वारा हर सप्ताह मिलने की जो अनुमति दी गई थी, उसे भी प्रशासनिक कारणों से अक्सर रोका गया।
क़ासिम खान ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी भी प्रकार का राजनीतिक दबाव बनाना नहीं है, बल्कि यह केवल मानवाधिकार और न्याय की मांग है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि दुनिया इस स्थिति को गंभीरता से ले। यह किसी पार्टी की लड़ाई नहीं, एक व्यक्ति की गरिमा की बात है।”
सुलेमान खान ने इस बात पर चिंता जताई कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है, जो और भी ज्यादा चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, “जब एक पूर्व प्रधानमंत्री को इंसान के तौर पर बुनियादी अधिकार नहीं दिए जा रहे, तो आम कैदियों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।”
क्यों जेल में हैं इमरान खान?
इमरान खान को अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर 190 मिलियन पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में दोष सिद्ध हुआ है। इसके अतिरिक्त, 9 मई 2023 को हुए विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत भी मुकदमे चल रहे हैं। इन मामलों को लेकर पाकिस्तानी अदालतें लगातार फैसले सुनाती रही हैं, लेकिन उनके समर्थक इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार देते हैं।
अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग तेज
सुलेमान और क़ासिम की यह अपील केवल एक पारिवारिक गुहार नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय सवाल बन चुकी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब वक्त आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र, एमनेस्टी इंटरनेशनल, और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे संगठनों को सामने आकर इस मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उनका कहना है कि अगर यही हालात रहे, तो पाकिस्तान का न्यायिक और लोकतांत्रिक चरित्र दुनिया की निगाहों में और कमजोर होगा।