400 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 8 साल के तन्मय साहू की मौत, 86 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
By: Priyanka Maheshwari Sat, 10 Dec 2022 08:12:14
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul)में बोरवेल में गिरे 8 साल के तन्मय साहू की मौत हो गई है। तन्मय 400 फीट गहरे बोरवेल में बीते 6 दिसंबर को गिर गया था। वह 55 फीट की गहराई पर जाकर फंस गया था। पिछले 4 दिन से तन्मय को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। 86 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आज शनिवार सुबह करीब 6 बजेतन्मय को बोरवेल से बाहर निकाला गया था। मौके पर मौजूद मेडिकल टीम ने जांच के बाद तन्मय को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि तन्मय को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थीं। बोरवेल के पास एक सुरंग बनाई गई थी और उसके बाद तन्मय को निकाला गया।
मौत की पुष्टिजनसंपर्क अधिकारी एसके तिवारी ने की।बेटे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है। बैतूल के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने तन्मय का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बात उसके शव को मोर्चरी में शिफ्ट किया। अब शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। इसके बाद शव परिवार को सौंप दिया जाएगा।
बतादें मंगलवार की शाम 5 बजे 8 साल का तन्मय दोस्तों संग लुका-छुपीखेलते-खेलते 400 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरा था। घटना के बाद सेएनडीआरएफ, एसडीईआरएफ, पुलिस,प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पीएचई विभाग सहित 200 से ज्यादा लोग मांडवी गांव में रेस्क्यू में जुटे हुए थे।
38 फीट की गहराई पर अटक गया था
400 फीट गहरा बोरवेल नानक चौहान नाम के किसान के खेत पर था। दो साल से बोरवेल बंद था। जब तन्मय उसमें गिरा था, उस दौरान वह 55 फीट की गहराई पर फंस गया था। रेस्क्यूके दौरानरस्सी में फंदा (वर्टिकल लिफ्टिंग) के तन्मय को निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिनकुछ ऊपर आने के बाद प्रयास असफल हो गया था औरतन्मय 38 फीट की गहराई पर अटक गया था।
घटना की जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू के लिएबोरवेल से करीब 30 फीट की दूरी पर बराबर गड्ढे की खुदाई शुरू की गई थी। शुरूआत में 46 फीट तक खुदाई करने के बाद 10 फीट(आड़े में ) होरिजेंटल खुदाई की गई थी। मगर, खुदाई के दौरान पानी और कठोर चट्टानों के कारण रेस्क्यू में बार-बार बाधा आती रही। हर बार मुसीबतों को पार करके दोबारा ऑपरेशन शुरू किया गया था। तन्मय की हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिए CCTV कैमरा लगाया गया था। वहीं, ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए उसकी आपूर्ति भी की जा रही थी। लेकिन अंत में तन्मय को नहीं बचाया जा सका।