चंदन गुप्ता हत्याकांड: सभी 28 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, तिरंगा यात्रा के दौरान मारी थी गोली

By: Rajesh Bhagtani Fri, 03 Jan 2025 6:26:15

चंदन गुप्ता हत्याकांड: सभी 28 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, तिरंगा यात्रा के दौरान मारी थी गोली

लखनऊ। यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में मारे गए चंदन गुप्ता को करीब सात साल बाद न्याय मिला है। एनआईए कोर्ट ने सभी 28 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों को गुरुवार को दोषी करार दिया था और शुक्रवार को सजा का ऐलान किया। कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी।

इस वारदात में आरोपियों ने तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों पर पथराव और फायरिंग की थी। इस दौरान गोली लगने से चंदन गुप्ता नामक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। हालांकि इनमें से दो आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।

गुरुवार को एनआईए स्पेशल कोर्ट ने चंदन गुप्ता हत्या मामले 28 आरोपियों को दोषी करार दिया दिया था, जबकि दो आरोपियों को बरी किया था।

दोषी वसीम जावेद, नसीम,जाहिद, फैजान, मुनाजिर रफी,असलम, तौफीक, खिल्लन,आसिफ जिमवाला, इमरान,साकिर,शवाब अली, जीशान, राहत, मोहसिन,जफर, शमशाद, मुनाजिर, सलीम, खालिद परवेज ,फैजान, आमिर रफी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

विश्व हिंदू परिषद और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता करीब 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर निकले थे। इस तिरंगा यात्रा में ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी शामिल था। यात्रा के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने झड़प हो गई थी। इसके बाद दंगा भड़क गया था। इसमें चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी उसकी मौत के बाद कासगंज में हालात कई दिनों तक खराब हो थे। कासगंज में करीब एक हफ्ते तक दंगे हुए थे।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 जनवरी 2018 की सुबह जब यात्रा निकाली गई तो चंदन गुप्ता अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ था।

जैसे ही यह तिरंगा यात्रा कासगंज के तहसील रोड पर स्थित जीजीआईसी गेट के पास पहुंची तो सलीम, वसीम, नसीम और अन्य लोगों ने उनका रास्ता रोक लिया था। हालांकि, जब चंदन की ओर से जुलूस रोकने पर आपत्ति दर्ज कराई गई तो मौके पर हालात बिगड़ गए और आरोपियों के समूह ने उन पर पथराव कर दिया।

यही नहीं, जुलूस के दौरान फायरिंग भी की गई। मुख्य आरोपियों में से एक सलीम ने चंदन गुप्ता पर गोली चलाई गई थी, जिसके बाद वह घायल हो गया। घटना के बाद चंदन का भाई और अन्य साथी उसे कासगंज थाना लेकर गए थे, जहां से उसे तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, मगर गोली लगने के कारण चंदन की मौत हो गई थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी वसीम, नसीम, सलीम के साथ 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, कई लोगों को बाद में छोड़ दिया गया था। चंदन के पिता ने करीब छह साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। इससे पहले आरोपियों ने हाई कोर्ट में एनआईए कोर्ट की वैधानिकता और सुनवाई पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी। जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया था।

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