नई दिल्ली। अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने वैश्विक कार्यबल कटौती अभ्यास के तहत बेंगलुरु में अपने इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी केंद्र में 180 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रही बोइंग के भारत में करीब 7,000 कर्मचारी हैं, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार भी है।
पिछले साल बोइंग ने वैश्विक स्तर पर कर्मचारियों की संख्या में करीब 10 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। इस घटनाक्रम से अवगत एक सूत्र ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कर्मचारियों की संख्या में कटौती के तहत, बेंगलुरू स्थित बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी सेंटर में 2024 की दिसंबर तिमाही में 180 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
बोइंग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। सूत्र ने कहा कि रणनीतिक समायोजन सीमित पदों को प्रभावित करते हुए किए गए थे, जबकि यह सुनिश्चित किया गया कि ग्राहकों या सरकारी संचालन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
सूत्र ने बताया कि हालांकि कुछ पदों को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन नए पद भी सृजित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में कटौती अधिक मापी-तौलकर की गई है, जिसमें ग्राहक सेवा, सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने पर स्पष्ट ध्यान दिया गया है।
बेंगलुरु और चेन्नई में बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (BIETC) जटिल उन्नत एयरोस्पेस कार्य करता है।
बेंगलुरू में कंपनी का पूर्ण स्वामित्व वाला इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी परिसर अमेरिका के बाहर इसके सबसे बड़े निवेशों में से एक है। इसके अलावा, इसकी वेबसाइट के अनुसार, भारत से बोइंग की सोर्सिंग 300 से अधिक आपूर्तिकर्ताओं के नेटवर्क से सालाना लगभग 1.25 बिलियन अमरीकी डॉलर है।