भाजपा ने 21 सदस्यीय कानूनी टीम को लेकर बंगाल सरकार पर निशाना साधा: 'कोलकाता बलात्कार पीड़िता के पक्ष में नहीं'
By: Rajesh Bhagtani Thu, 22 Aug 2024 9:51:50
नई दिल्ली। कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों पर निशाना साधा है। बंगाल सरकार की कानूनी टीम में 21 वकील हैं, जबकि केंद्र की टीम में पांच वकील हैं।
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि बंगाल सरकार की ओर से लड़ रहे वकील पीड़ित या न्याय के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि ममता बनर्जी और आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के लाभार्थियों का पक्ष ले रहे हैं।
शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, "आज कपिल सिब्बल के नेतृत्व में ये वकील - भारत के सबसे बड़े वकील - पश्चिम बंगाल सरकार के पक्ष में हैं, बेटी के पक्ष में नहीं, आरजी कार की पीड़िता के पक्ष में नहीं। वे संदीप घोष के लाभार्थियों के पक्ष में हैं, बेटी के माता-पिता के पक्ष में नहीं; बल्कि ममता बनर्जी के पक्ष में हैं, न्याय और न्याय के पक्ष में नहीं।"
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि बलात्कार-हत्या मामले में बंगाल सरकार की ओर से बहस करने के लिए वकीलों ने पैसे और मानसिकता की भूमिका निभाई।
किरण रिजिजू ने कहा, "वकील किसी भी मुवक्किल के लिए पेश होने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो हमेशा माओवादियों, आतंकवादियों, अपराधियों, शक्तिशाली और भ्रष्ट लोगों, राष्ट्र-विरोधी आदि के पक्ष में खड़े होते हैं... लोग साफ-साफ देख सकते हैं! शायद पैसे और मानसिकता मायने रखती है!"
ममता बनर्जी सरकार और कोलकाता पुलिस इस मामले से निपटने के तरीके को लेकर तीखी आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच में "गंभीर खामियों" को उजागर करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
आरजी कर अस्पताल रेप मामले की सुनवाई के दौरान 21 सदस्यीय टीम सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही है. बंगाल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की पूरी सूची पर एक नजर डालें:
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ।
अधिवक्ता—संजय बसु, आस्था शर्मा, श्रीसत्य मोहंती निपुण सक्सेना, अंजू थॉमस, पराजिता जामवाल, संजीव कौशिक, मंतिका हरयानी, श्रेयस अवस्थी, उत्कर्ष प्रताप, प्रतिभा यादव, लिहज़ु शाइनी कोन्याक, रिपुल स्वाति कुमारी, लवकेश भनभानी, अरुणिसा दास, देवदिप्त दास, अर्चित अदलखा, आदित्य राज पांडे एवं एडवोकेट मेहरीन गर्ग।
इस बीच, केंद्र का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित पांच अधिवक्ताओं द्वारा किया गया। टीम में अन्य वकीलों में अधिवक्ता माधव सिंहल, अधिवक्ता अर्कज कुमार, अधिवक्ता स्वाति घिल्डियाल और अधिवक्ता एमके मरोरिया, एओआर शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई क्रूर बलात्कार-हत्या और उसके बाद 15 अगस्त की सुबह भीड़ द्वारा अस्पताल में की गई तोड़फोड़ पर संज्ञान लिया।
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ कर रही है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं।