1987 में फिलिस्तीन बॉर्डर पर गाजा की रक्षा के लिए हमास का गठन किया गया था। हमास के लड़ाके इजराइल सैनिकों से आमने-सामने की लड़ाई लड़ते आए हैं, लेकिन अब 38 साल बाद हमास की उलटी गिनती शुरू हो गई है। अमेरिका और इजराइल के साथ-साथ 5 मुस्लिम देशों ने भी हमास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से हमास के विरोध की लहर चल रही है, उससे आने वाले दिनों में उसके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
अमेरिका ने दी आखिरी चेतावनी
हमास और इजराइल के बीच शांति समझौते की बात चल रही है, लेकिन हमास इजराइली सैनिकों के शवों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आखिरी बार चेतावनी दी है। ट्रंप का कहना है कि अगर हमास ने इजराइली बंधकों के शव नहीं छोड़े, तो धरती पर एक भी हमास का लड़ाका नहीं दिखेगा।
ट्रंप ने कहा कि अगर इजराइल के सैनिक शांति नहीं चाहते, तो हम उन्हें खत्म कर देंगे। अब यह देखने वाली बात होगी कि हमास इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है, लेकिन जिस तरह से हमास ट्रंप के निशाने पर आया है, उससे उसकी बचने की संभावना कम होती जा रही है।
इजराइल के सैन्य प्रमुख ने खाई कसम
बेंजामिन नेतन्याहू ने ईयाल जमीर को नया सैन्य प्रमुख नियुक्त किया है। कुर्सी संभालते ही जमीर ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है। जमीर ने हमेशा गाजा ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जमीर जब सेना में आए थे, उसके 4 साल बाद हमास का गठन हुआ था।
जमीर अब तक हमास के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशनों का नेतृत्व कर चुके हैं। ऐसे में उनका सैन्य प्रमुख बनना हमास के लिए चिंता का विषय है। अगर जमीर आक्रामक तरीके से कार्रवाई करते हैं, तो हमास का खात्मा तय माना जा रहा है।
फिलिस्तीन मुस्लिम बहुल देश है, जबकि इजराइल यहूदी बहुल देश है। फिलिस्तीन को हमेशा मुस्लिम देशों का समर्थन मिलता रहा है, लेकिन अब अरब के 5 मुस्लिम देशों ने एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें हमास को समाप्त करने की बात कही गई है।
इस प्रस्ताव को "गाजा पुनर्विकास" नाम दिया गया है, जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि हमास की जगह एक नया संगठन, टेक्नो फ्रेंड ऑर्गेनाइजेशन, स्थापित किया जाए। यह प्रस्ताव सऊदी अरब, कतर, यूएई, जॉर्डन और मिस्र ने मिलकर तैयार किया है।
अगर यह प्रस्ताव मंजूरी पा लेता है, तो गाजा से हमास का खात्मा सुनिश्चित हो जाएगा।