अजमेर। संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में रेजीडेंट डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी के बीच मारपीट मामले में अस्पताल प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया व दो नर्सिंगकर्मियों को वार्ड से हटा दिया। वहीं एक नर्सिंगकर्मी को सस्पेंड कर दिया। कमेटी प्रकरण की जांच कर रही है। इस बीच, जेएलएन अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर्स और नर्सिंगकर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। रेजीडेंट डॉक्टर्स संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर दिलराज ने कहा कि प्रकरण की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने दो दिन का समय मांगा है। अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंगकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की तो रेजीडेंट डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार करेंगे।
इधर नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान मीणा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने दबाव में आकर यदि एकतरफा कार्रवाई की तो नर्सिंगकर्मी हड़ताल पर उतरेंगे। अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया कि मारपीट प्रकरण में जांच प्रभावित नहीं हो, इसलिए अस्पताल प्रशासन ने आरोपी नर्सिंगकर्मी सुरेश चौधरी को निलंबित कर दिया। एनआईसीयू वार्ड की इंचार्ज रेजानी ज्योति और नर्सिंगकर्मी विनोद को वार्ड से हटा दिया है। अस्पताल प्रशासन ने कार्रवाई की रिपोर्ट जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अनिल सामरिया को भेजी है।
उन्होंने बताया कि गुरुवार को एनआईसीयू में रेजीडेंट डॉ चंद्रप्रकाश धाकड़ और वार्ड में मौजूद नर्सिंगकर्मियों के बीच धक्कामुक्की और मारपीट हुई थी। इस प्रकरण में शामिल दो नर्सिंग कर्मियों को वार्ड से हटाने और एक नर्सिंगकर्मी को निलंबित करने की कार्रवाई जांच कर रही कमेटी के अनुशंसा पर की है।
क्या था मामला
बीते दिन अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में एनआईसीयू में रेजीडेंट डॉक्टर चंद्रप्रकाश धाकड़ और नर्सिंगकर्मी सुरेश चौधरी में मारपीट हुई। पूरी घटना वार्ड में लगे सीसीटीवी कमरे में कैद हुई। सीसीटीवी फुटेज के वायरल होने और दोनों पक्षों के आमने-सामने होकर तनाव की स्थिति बन गई। अस्पताल अधीक्षक डॉ। अरविंद खरे और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अनिल सामरिया ने दोनों पक्षों को सुनकर प्रकरण में जांच के लिए कमेटी गठित की थी।