अहमदाबाद। गुजरात की औद्योगिक राजधानी अहमदाबाद में प्रशासन ने अवैध निर्माण के खिलाफ एक और बड़े अभियान की शुरुआत कर दी है। मंगलवार को चंदोला तालाब क्षेत्र में प्रशासन ने दूसरी बार सख्त कार्रवाई करते हुए करीब 2,500 अवैध मकानों को ढहाने का लक्ष्य तय किया है। इससे पहले अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पहले चरण में करीब 3,000 मकानों को तोड़ा गया था।
इस बार की कार्रवाई को सुचारू और सुरक्षित तरीके से अंजाम देने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। मौके पर 75 बुलडोजर, 150 डंपर और सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगभग 8,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। यह कदम न सिर्फ अतिक्रमण हटाने के लिए है, बल्कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर नियंत्रण पाने की दिशा में भी उठाया गया है।
अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर नजर, कार्रवाई का दूसरा चरण तेज
चंदोला झील के आसपास अवैध कब्जों और घुसपैठियों का वर्षों से बसेरा रहा है। प्रशासन के अनुसार, पहले चरण में तोड़े गए अधिकतर मकान कथित तौर पर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के थे। दूसरे चरण की कार्रवाई में भी ऐसे ही निर्माणों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने हाल ही में हजारों बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें से बड़ी संख्या अहमदाबाद में रह रही थी।
चंदोला तालाब: दशकों से अवैध बस्तियों का अड्डा
चंदोला तालाब क्षेत्र में अवैध निर्माण की कहानी नई नहीं है। 1970 और 80 के दशक में यहां प्रवासी मजदूरों ने अस्थायी बस्तियां बसाईं थीं, जो समय के साथ स्थायी हो गईं। वर्ष 2002 में एक एनजीओ द्वारा ‘सियासत नगर’ नाम से बसाई गई बस्ती ने इस क्षेत्र में अवैध कब्जों को और बढ़ावा दिया। 2010 से 2024 के बीच इन कब्जों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई, और प्रशासनिक चेतावनी के बावजूद निर्माण कार्य लगातार चलता रहा।
प्रशासन की सख्ती, कानून व्यवस्था बनी चुनौती
चूंकि यह मामला केवल अवैध निर्माण का नहीं बल्कि अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल से भी जुड़ा है, इसलिए प्रशासन इस बार किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। भारी पुलिस बल की तैनाती और मशीनरी की मौजूदगी यह साफ संकेत देती है कि सरकार अब इस क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अंतिम और निर्णायक अभियान चला रही है।