भारत के वारेन बफेट कहे जाने वाले मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए, खुले बाजार में लेनदेन के जरिए नजारा टेक्नोलॉजी (Nazara Technologies) में अपने दिवंगत पति की लगभग आधी हिस्सेदारी को बेच दिया है। अब यह हिस्सेदारी घटकर लगभग 3.6% रह गई है। एक रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, रेखा झुनझुनवाला ने 9-10 जून, 2025 के दौरान इस प्रमुख गेमिंग और ईस्पोर्ट्स फर्म में लगभग 1.4% हिस्सेदारी घटा दी, यानी कि 12,36,500 शेयरों की बिक्री की गई।
अब कंपनी में इतनी है राकेश झुनझुनवाला की हिस्सेदारी
इससे पहले भी, उन्होंने 2-6 जून, 2025 के बीच नजारा टेक्नोलॉजीज के 17,38,500 शेयर, जो कि कंपनी के कुल शेयर पूंजी का 1.98% है, बाजार में बेचे थे। इन दोनों बिक्री के बाद अब नजारा टेक्नोलॉजी लिमिटेड में झुनझुनवाला की हिस्सेदारी 7.05% से घटकर 3.66% पर आ गई है। फाइलिंग में स्पष्ट किया गया है कि 9 और 10 जून को बेचे गए शेयरों के बाद रेखा के पास अब कंपनी के कुल 32,08,620 शेयर शेष हैं, जो कि नजारा की जारी और चुकता शेयर पूंजी का 3.6621 प्रतिशत बनते हैं।
कंपनी के शेयर का वर्तमान हाल
हालांकि, रेगुलेटरी फाइलिंग में यह उल्लेख नहीं किया गया कि शेयर किस कीमत पर बेचे गए। आज यानी बुधवार को बीएसई पर नजारा टेक्नोलॉजी के शेयर 0.47 प्रतिशत की हल्की बढ़त के साथ 1,273.50 रुपये पर कारोबार करते देखे गए। खास बात यह है कि बीते एक महीने में कंपनी के शेयरों में 15 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है, जो निवेशकों के बीच कंपनी की सकारात्मक धारणा को दर्शाता है।
नजारा टेक्नोलॉजी किस क्षेत्र में काम करती है?
जानकारी के लिए बता दें कि नजारा टेक्नोलॉजी एक अग्रणी तकनीकी कंपनी है जो गेमिंग, ईस्पोर्ट्स और स्पोर्ट्स मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत है। दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला इस कंपनी के एक प्रमुख निवेशक रहे हैं। उनके निधन के बाद भी उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने उनकी हिस्सेदारी को बनाए रखा, हालांकि अब वह धीरे-धीरे इस हिस्सेदारी को कम कर रही हैं। जून 2022 की तिमाही तक उनकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से अधिक थी, जो अब काफी घट चुकी है।
शेयर मार्केट के बिग बुल: राकेश झुनझुनवाला
'शेयर बाजार के बिग बुल' के नाम से मशहूर राकेश झुनझुनवाला का निधन 14 अगस्त, 2022 को 62 वर्ष की उम्र में हुआ था। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट, राकेश ने कम मूल्य वाले स्टॉक्स की पहचान कर उनमें निवेश करना शुरू किया था और उन्हें दीर्घकालीन दृष्टि से होल्ड किया करते थे। उनकी निवेश रणनीति इस प्रकार की थी कि जब अन्य निवेशक बाजार में नुकसान झेल रहे होते थे, तब वे अपने अनुभव और धैर्य से लाभ में रहते थे। शेयर बाजार ही उनकी कमाई का मुख्य स्त्रोत रहा।