
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने फिर से चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर मताधिकार में हेराफेरी का गंभीर आरोप लगाया है। शुक्रवार (8 अगस्त) को राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग उनसे एफिडेविट (हलफनामा) मांग रहा है, जबकि उन्होंने संविधान की शपथ ली है। दरअसल, चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए उनसे कागजी सबूत पेश करने को कहा था।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की इस मांग पर सवाल उठाते हुए कहा, "चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा चाहता है और कहता है कि मुझे शपथ लेनी होगी, जबकि मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है। आज जब देश की जनता अपने मतदाता डेटा को लेकर सवाल उठा रही है, तो चुनाव आयोग की वेबसाइट बंद कर दी गई है। आयोग जानता है कि अगर जनता उनसे सवाल करेगी तो उनका सारा तंत्र ध्वस्त हो जाएगा।"
राहुल गांधी ने संविधान की रक्षा का भी जोरदार दावा किया। उन्होंने कहा, "हमने भारत के संविधान की रक्षा की है। बाबा साहेब आंबेडकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल की आवाज़ संविधान में गूंजती है। नारायण गुरु और ज्योतिबा फुले की आवाज़ भी इसमें मौजूद है। भारत का संविधान हर नागरिक को मतदान का अधिकार देता है।"
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चुनावी परिणामों का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन विजयी हुआ था, लेकिन चार महीनों बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर चौंकाया। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में करीब एक करोड़ नए मतदाताओं ने वोट डाला।
चुनाव आयोग पर भाजपा के एजेंट होने का आरोप लगाते हुए राहुल ने सवाल किया कि क्यों चुनाव आयोग ने वीडियो सबूत नष्ट कर दिए? क्या यह वोटर लिस्ट में गड़बड़ी छुपाने की कोशिश नहीं? उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहा है।
इस पूरी बहस में चुनाव आयोग की ओर से जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं आया है, और मामला राजनीतिक तापमान बढ़ाता नजर आ रहा है।














