
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच व्यापक द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर प्रमुख परिणामों की जानकारी साझा की।
बैठक से पहले ही भारत और रूस ने हेल्थ सेक्टर, खाद्य सुरक्षा और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण करार किए। सरकारी सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों ने पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और शिपबिल्डिंग से जुड़े क्षेत्रों में भी विस्तृत साझेदारी को आगे बढ़ाने हेतु एक नए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। साथ ही, दोनों अर्थव्यवस्थाओं ने रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग को मजबूती देने का फैसला भी पक्का किया।
पीएम मोदी ने रिश्तों की मजबूती को बताया ‘दशकों पुरानी धरोहर’
संयुक्त बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब भारत और रूस के संबंध लगातार नए आयाम छू रहे हैं। पीएम मोदी ने स्मरण कराया कि भारत-रूस की दोस्ती पिछले लगभग अस्सी वर्षों से स्थिर और दृढ़ रही है—मानो आकाश में चमकते ‘ध्रुव तारे’ की तरह।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पारस्परिक सम्मान, स्थायी भरोसा और समय-परीक्षित साझेदारी ने हमेशा हर चुनौती का सामना किया है। PM मोदी के अनुसार, वार्ता के दौरान व्यापार, रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, विज्ञान, शिक्षा, तकनीक और सामाजिक विकास जैसे सभी महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
2030 के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति
बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और रूस ने 2030 तक के लिए एक व्यापक ‘आर्थिक सहयोग कार्यक्रम’ पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक सप्लाई चेन को सुरक्षित और बहुआयामी बनाने के लिए ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ पर दोनों देशों के बीच बढ़ता सहयोग अत्यंत अहम है।
यूक्रेन के मुद्दे का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा शांति, संवाद और कूटनीति के मार्ग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में भी किसी भी शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में रचनात्मक योगदान देने को तैयार है।
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि भारत और रूस, यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द से जल्द पूरा करने पर काम कर रहे हैं। यह करार दोनों देशों के आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों में बड़ी वृद्धि ला सकता है।
द्विपक्षीय मुलाकात में फिर गूंजा—‘भारत शांति के साथ है’
द्विपक्षीय वार्ता की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत तटस्थ नहीं बल्कि “शांति का समर्थक” है। उन्होंने दोहराया कि भारत किसी भी संघर्ष के समाधान के लिए वार्ता और सहमति की प्रक्रिया को सबसे विश्वसनीय रास्ता मानता है।
संयुक्त घोषणा में PM मोदी ने पुतिन की नेतृत्व क्षमता और लंबे समय से कायम भारत-रूस मित्रता की सराहना की। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद यह दोस्ती डगमगाई नहीं, बल्कि समय के साथ और मजबूत बनी है।
भारतीय आतिथ्य की पुतिन ने खुलकर की तारीफ
अपनी ओर से बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा किए गए स्नेहपूर्ण स्वागत के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत का आतिथ्य हमेशा यादगार रहा है और पिछले दिन आयोजित डिनर के लिए उन्होंने PM मोदी का विशेष आभार जताया।













