केंद्र सरकार जल्द ही GST में बड़ी राहत दे सकती है, जो आम लोगों के लिए बेहद सुकून देने वाली खबर हो सकती है। सरकार दरों को बदलने पर विचार कर रही है, जिससे मिडिल और लोअर इनकम वाले घरों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले कई जरूरी सामान सस्ते हो सकते हैं। अभी इन पर 12% जीएसटी लगता है, जो घर का बजट बिगाड़ देता है।
सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि 12% GST की सूची में रखे अधिकांश रोजमर्रा के उपयोगी सामानों को या तो 5% के स्लैब में डाल दिया जाए या फिर 12% का स्लैब ही पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए। ये वो सामान हैं जो आम लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस फैसले पर मुहर लग सकती है। यह बैठक इसी महीने संभावित है, और उसके लिए 15 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य होता है।
क्या है मामला?
GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स को देशभर में एक統 टैक्स सिस्टम के तौर पर लाया गया था ताकि विभिन्न टैक्सों को मिलाकर एक समान ढांचा बनाया जा सके। लेकिन अब, आठ साल बाद सरकार इसमें बड़ा और प्रभावी बदलाव करने जा रही है, जिसका सीधा फायदा आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
सरकार की योजना है कि 12% टैक्स स्लैब को हटाकर उसमें आने वाले कई जरूरी सामानों को 5% टैक्स स्लैब में लाया जाए। इससे जूते-चप्पल, मिठाई, कुछ कपड़े और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे रोजमर्रा के जरूरी सामान सस्ते हो सकते हैं—जो मिडिल क्लास परिवारों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
ये चीजें हो जाएंगी महंगी
वहीं दूसरी ओर, कारें, तंबाकू, पान मसाला और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी महंगी और स्वास्थ्य पर असर डालने वाली चीजों पर अभी जो अतिरिक्त टैक्स (सेस) लगता है, उसे भी अब सीधे जीएसटी के रेट में ही शामिल करने की तैयारी की जा रही है। यह कदम न सिर्फ टैक्स सिस्टम को सरल बनाएगा बल्कि राजस्व में भी पारदर्शिता लाएगा।
इस प्रस्तावित बदलाव से जहां एक ओर आम जनता को जरूरी चीजें सस्ती मिलेंगी, वहीं टैक्स का भुगतान करना और वस्तुओं का वर्गीकरण (क्लासिफिकेशन) भी आसान हो जाएगा। इससे राज्यों और केंद्र सरकार को राजस्व का हिस्सा बेहतर मिलेगा और कारोबारियों को टैक्स सिस्टम की जटिलताओं से भी राहत मिलेगी।
अगर सभी राज्यों की सहमति बन गई, तो आने वाले कुछ महीनों में देशभर के बाजारों में कई जरूरी चीजें सस्ती होती नजर आ सकती हैं—जो आम आदमी की जिंदगी को थोड़ी और आसान बना देगी।