
आजकल माता-पिता अक्सर यह शिकायत करते नज़र आते हैं कि उनके बच्चे किसी भी काम में तुरंत हाथ लगाने से बचते हैं। पढ़ाई, खेल, या फिर घर के छोटे-छोटे काम — हर चीज़ में टालमटोल करना उनकी आदत बनती जा रही है। शुरुआत में यह बात मामूली लग सकती है, लेकिन अगर इसे समय रहते सुधारा न जाए तो भविष्य में यह गंभीर चुनौती का रूप ले सकती है।
बच्चे हर काम से क्यों कतराते हैं?
- पढ़ाई या काम में रुचि न होना
- मोटिवेशन और उत्साह की कमी
- माता-पिता का ज़्यादा सुरक्षा वाला रवैया
- मोबाइल और टीवी जैसी स्क्रीन की लत
- आत्मविश्वास की कमी
यदि इन कारणों को समझकर समय पर सही कदम नहीं उठाए गए, तो आगे चलकर यह बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।
भविष्य में क्या हो सकते हैं नतीजे?
- पढ़ाई में लगातार गिरावट और कमज़ोर प्रदर्शन
- नए माहौल या लोगों से घुलने-मिलने में कठिनाई
- करियर और व्यक्तिगत विकास में रुकावट
- माता-पिता और बच्चों के रिश्तों में खटास
माता-पिता क्या कदम उठाएं?
सकारात्मक प्रोत्साहन दें – बच्चों की छोटी उपलब्धियों की भी तारीफ करें।
नियमित दिनचर्या बनाएं – रोज़ाना का टाइम-टेबल तय करें और उन्हें उसी के अनुसार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
स्क्रीन टाइम घटाएं – मोबाइल और टीवी से दूरी बनवाएं और उन्हें आउटडोर गतिविधियों में शामिल करें।
स्वयं उदाहरण बनें – माता-पिता अगर मेहनती और जिम्मेदार होंगे तो बच्चे भी वैसा ही अपनाएंगे।
विशेषज्ञ की मदद लें – अगर समस्या गंभीर हो जाए तो चाइल्ड काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
# बच्चों के भविष्य की नींव
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे जीवन में आत्मनिर्भर और सफल बनें। इसके लिए ज़रूरी है कि बचपन से ही उनकी आदतों को सही दिशा दी जाए। धैर्य और समझदारी से बच्चों का मार्गदर्शन करना ही सबसे बेहतर उपाय है।
यदि आपका बच्चा हर काम में आनाकानी करता है, तो इसे हल्के में न लें। यह आदत धीरे-धीरे उसके आत्मविश्वास और सफलता की राह में बाधा डाल सकती है। माता-पिता को चाहिए कि सही समय पर सकारात्मक और प्रभावी कदम उठाएं ताकि बच्चे आगे चलकर ज़िम्मेदार, आत्मविश्वासी और सफल इंसान बन सकें।














