
भाई दूज या भैया दूज, दीपावली के ठीक दो दिन बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पावन पर्व 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। पारंपरिक रूप से इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, सुरक्षा और स्नेह का प्रतीक है। यह सिर्फ तिलक या उपहार देने का अवसर नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच जिम्मेदारी, सम्मान और अपनापन जताने का माध्यम भी है। हालांकि, जैसे-जैसे समय बदला है, वैसे-वैसे इस पर्व को मनाने के तौर-तरीके भी आधुनिकता के रंग में रंग गए हैं। नई पीढ़ी यानी Gen Z इस पारंपरिक त्योहार को अपनी अलग ही स्टाइल में मना रही है। आइए जानते हैं कि 2025 में भाई दूज का जश्न अब कैसा दिख रहा है।
डिजिटल युग का भाई दूज: वर्चुअल तिलक और ऑनलाइन गिफ्ट्स
अब दूरी रिश्तों में रुकावट नहीं बनती। जो भाई-बहन अलग-अलग शहरों या देशों में रहते हैं, वे वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल तिलक कर भाई दूज मना रहे हैं। कैमरे के सामने ही आरती, तिलक और मिठाई खिलाने जैसी रस्में पूरी की जाती हैं। इसके बाद भाई अपनी बहनों को ई-गिफ्ट कार्ड, ऑनलाइन वाउचर या डिजिटल गिफ्ट्स भेजते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर “वर्चुअल भाई दूज” अब एक ट्रेंड बन चुका है।
सस्टेनेबल और मिनिमल सेलिब्रेशन का चलन
Gen Z पीढ़ी पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक है, इसलिए अब त्योहारों को इको-फ्रेंडली तरीके से मनाने की परंपरा बढ़ रही है।
लोग मिट्टी के दीये, प्राकृतिक फूलों की मालाएं, और ऑर्गेनिक रंगों से तिलक करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। महंगे उपहारों की जगह अब हैंडमेड कार्ड्स, पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स या DIY (Do It Yourself) आइटम्स देना ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
इससे त्योहार में सादगी तो आती ही है, साथ ही यह धरती के प्रति जिम्मेदारी भी दर्शाता है।
सोशल मीडिया पर #SiblingGoals और #BhaiDoojVibes का जलवा
Gen Z सोशल मीडिया के बिना त्योहार की कल्पना नहीं कर सकती। भाई दूज पर भाई-बहन Instagram, Facebook, Snapchat और X (Twitter) पर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं। #BhaiDooj, #SiblingLove, #BrothersAndSisters, और #BhaiDoojVibes जैसे हैशटैग ट्रेंड में रहते हैं। रील्स और फोटो पोस्ट के जरिए भाई-बहन अपने प्यार और मज़ेदार यादों को दुनिया के साथ साझा करते हैं, जिससे पारिवारिक त्योहारों को एक डिजिटल स्टेज मिल गया है।
परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम
भले ही तरीके बदल गए हों, पर भावनाएं वही हैं — प्यार, सुरक्षा और अपनापन। Gen Z ने इस त्योहार को न केवल तकनीकी रूप से आधुनिक बनाया है, बल्कि उसमें संस्कृति की आत्मा को भी जीवित रखा है। आज का भाई दूज एक ऐसा संगम है जहाँ पुरानी परंपराओं की गरिमा और नई पीढ़ी की रचनात्मकता दोनों मिलकर इस त्योहार को और भी खास बना देते हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer): इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और मनोरंजन के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। इसमें वर्णित विचार, परंपराएं और तरीके समाज में देखे जा रहे आधुनिक रुझानों पर आधारित हैं।














