होली की मस्ती रंगों के बिना अधूरी मानी जाती है। इस त्योहार से कुछ दिन पहले ही बाजार रंग-बिरंगे गुलाल और पक्के रंगों से सज जाते हैं। हर कोई इस त्योहार को अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुलकर मनाना चाहता है, लेकिन यह खुशी तब फीकी पड़ जाती है जब केमिकल युक्त रंगों से त्वचा और स्वास्थ्य को नुकसान होने लगता है। हर साल ऐसे मामलों की खबरें आती हैं, जहां मिलावटी रंगों की वजह से स्किन एलर्जी, जलन, बाल झड़ना, और आंखों में संक्रमण जैसी समस्याएँ देखने को मिलती हैं। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि होली के लिए जो रंग आप खरीद रहे हैं, वे असली और प्राकृतिक हैं या उनमें हानिकारक केमिकल की मिलावट की गई है। अगर आप भी यही सोच रहे हैं कि इन मिलावटी रंगों की पहचान कैसे की जाए, तो हम आपको 5 आसान और असरदार तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बाजार से खरीदते समय सही और सुरक्षित रंगों को चुन सकते हैं।
बहुत ज्यादा चमकदार रंग खरीदने से बचें
बाजार में मिलने वाले गहरे और अधिक चमकदार रंग अक्सर नकली होते हैं। इन रंगों में कांच का पाउडर, बारीक रेत, मरकरी सल्फाइड, लेड ऑक्साइड और अन्य हानिकारक केमिकल की मिलावट होती है, जिससे रंगों को अधिक चमकदार बनाया जाता है। ये रंग त्वचा पर जलन पैदा कर सकते हैं और लंबे समय तक शरीर पर लगे रहते हैं, जिससे स्किन इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
सही तरीका: हमेशा हल्के और नैचुरल दिखने वाले गुलाल खरीदें। हर्बल रंग और ऑर्गेनिक गुलाल का ही चुनाव करें, जो हल्की खुशबू वाले और मुलायम होते हैं।
रंग को हाथ में लेकर पहचानें
गुलाल खरीदने से पहले उसे एक बार हाथ में लेकर अच्छी तरह महसूस करें। अगर रंग बहुत ज्यादा चिकना या रूखा लगता है, तो इसमें सिंथेटिक केमिकल की मिलावट हो सकती है।
सही तरीका: प्राकृतिक रंगों की बनावट हल्की और स्मूद होती है, वे न तो ज्यादा चिकने होते हैं और न ही ज्यादा रूखे। इसलिए जब भी रंग खरीदें, उसे अपने हाथ में लेकर हल्का मलें और देखें कि वह जल्दी बिखर रहा है या चिपचिपा महसूस हो रहा है।
गंध सूंघकर मिलावट की करें पहचान
यह तरीका नकली और असली रंग की पहचान करने का सबसे अच्छा और आसान उपाय है। जब भी आप गुलाल खरीदें, तो उसे अपनी हथेली पर थोड़ा सा लेकर सूंघें।
- अगर रंग से पेट्रोल, केरोसिन, केमिकल, या किसी तेज खुशबूदार चीज की गंध आ रही हो, तो यह नकली है।
सही तरीका: प्राकृतिक रंगों में कोई भी तेज गंध नहीं होती। हर्बल रंगों से हल्की सी मिट्टी या फूलों जैसी सौम्य खुशबू आती है।
पानी में घोलकर रंग की जांच करें
अगर आप घर लाने के बाद अपने गुलाल की शुद्धता चेक करना चाहते हैं, तो यह तरीका आज़मा सकते हैं।
- एक गिलास पानी में थोड़ी मात्रा में गुलाल मिलाएं और देखें कि वह पानी में घुल रहा है या नहीं।
- अगर गुलाल पानी में डालते ही नीचे बैठ जाता है या चिपचिपा झाग छोड़ता है, तो उसमें केमिकल की मिलावट हो सकती है।
- प्राकृतिक रंग धीरे-धीरे घुलते हैं और एक समान घोल बनाते हैं।
सफेद कपड़े पर मलकर जांच करें
रंग की शुद्धता चेक करने के लिए एक और आसान तरीका है सफेद कपड़े का इस्तेमाल करना।
- एक सफेद रुमाल या सूती कपड़ा लें और उस पर गुलाल मलें।
- अगर कपड़े पर रंग चिपककर रह जाता है और साबुन से धोने के बाद भी नहीं हटता, तो इसमें सिंथेटिक रंग मिलाए गए हैं।
- प्राकृतिक रंग हल्के होते हैं और धोने पर तुरंत निकल जाते हैं।
सुरक्षित होली के लिए अपनाएं ये टिप्स
- होली खेलने से पहले अपने चेहरे और हाथों पर नारियल तेल या सरसों का तेल लगाएं, ताकि रंग आसानी से हट सके।
- आंखों को बचाने के लिए सनग्लास पहनें और ज्यादा केमिकल वाले रंगों से बचें।
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए हमेशा हर्बल और प्राकृतिक रंगों का ही चुनाव करें।
- अगर त्वचा पर जलन या खुजली हो, तो तुरंत गुलाब जल या एलोवेरा जेल लगाएं।
- ज्यादा देर तक रंग ना लगे रहने दें और हल्के साबुन से चेहरा धोएं।