आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में महिलाएं दोहरी जिम्मेदारी निभा रही हैं—ऑफिस का तनाव और घर की जिम्मेदारियां। इस कारण कम उम्र में भी महिलाओं के शरीर में कई गंभीर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक है कम उम्र में मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति)। आमतौर पर यह अवस्था 45 से 55 वर्ष की आयु में आती है, लेकिन अब कुछ महिलाएं 30 या 40 की उम्र में ही इस दौर से गुजर रही हैं।
यह बदलाव न केवल शरीर को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर भी गहरा असर डालता है। यदि आप या आपके आसपास कोई महिला इस तरह के लक्षण महसूस कर रही हैं, तो इसे हल्के में न लें। सही समय पर पहचान और उपचार से कई जटिलताओं को रोका जा सकता है।
# कम उम्र में मेनोपॉज के संभावित कारण
अनुवांशिक कारण: परिवार में यदि किसी को जल्दी मेनोपॉज हुआ हो तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी प्रभावित कर सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: थायरॉइड, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का असर भी पड़ सकता है।
जीवनशैली की गड़बड़ियां: अत्यधिक तनाव, असंतुलित खानपान, धूम्रपान और शराब का सेवन भी मेनोपॉज को जल्दी ला सकता है।
चिकित्सा कारण: अंडाशय या गर्भाशय की सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन भी इसका कारण हो सकते हैं।
# कम उम्र में मेनोपॉज के 7 लक्षण:
1. मासिक धर्म का अनियमित होना या अचानक रुक जाना
2. शरीर में गर्मी का एहसास और अत्यधिक पसीना आना
3. नींद न आना या बार-बार जागना
4. मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन
5. लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना
6. त्वचा का रूखापन, बालों का झड़ना
7. यौन इच्छा में कमी और संभोग के समय दर्द महसूस होना
# महिलाएं कैसे रखें खुद का ध्यान
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: पोषणयुक्त आहार लें, नियमित व्यायाम करें और तनाव को नियंत्रित करें।
डॉक्टर की सलाह लें: जरूरत पड़ने पर हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) का विकल्प चुन सकती हैं।
नियमित जांच करवाएं: हार्मोन के स्तर और हड्डियों की स्थिति पर नजर रखें।
मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें: ध्यान, योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकें मानसिक संतुलन के लिए जरूरी हैं।
कम उम्र में मेनोपॉज होना एक चेतावनी है, जिसे नज़रअंदाज़ करना स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए महिलाओं को 30 की उम्र के बाद खुद के शरीर के संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए। दूसरों की देखभाल के साथ-साथ खुद की सेहत को प्राथमिकता देना ज़रूरी है। सही देखभाल और डॉक्टर की सलाह से महिलाएं इस बदलाव को बेहतर तरीके से संभाल सकती हैं और स्वस्थ, खुशहाल जीवन जी सकती हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।