शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में बेहद कारगर है अनानास, ऐसे भी है उपयोगी...
By: Nupur Rawat Sat, 15 May 2021 4:24:12
गैस, पित्त जैसी पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में अनानास की भूमिका को आयुर्वेद में भी सराहा गया है। अमूमन भारत के हर हिस्से में पैदा होने वाला यह फल हमारी बॉडी को डीटॉक्स करने में बेहद कारगर होता है। आइए, मानव इतिहास में इस फल के सफ़र और हमारे शरीर के लिए इसकी उपयोगिता पर एक नज़र डालते हैं।
अनानास की दक्षिण अमेरिका से पूरी दुनिया तक पहुंचने की यात्रा
यह
मूल रूप से दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का फल है। वहां भी अनानास का मूल
स्थान ब्राजील माना जाता है। कहते हैं पहले-पहल समद्री यात्री कोलम्बस ने
अनानास का परिचय यूरोप के लोगों से कराया। इसके बाद सारी दुनिया में इसका
प्रसार होता गया।
इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि वर्ष 1502 में
पुर्तगालियों के साथ अनानास भारत पहुंचा था। आज भारत में लगभग हर जगह
अनानास पैदा होता है। जुलाई से लेकर नवम्बर तक यह हर जगह उपलब्ध रहता है।
क्वॉलिटी की बात करें तो म्यांमार, मलेशिया तथा फ़िलिपीन्स द्वीप समूह में
पैदा होने वाले अनानास को उत्तम कोटि का माना जाता है।
अनानास के पोषक तत्व
अनानास
में 86.5% पानी होता है। उसके बाद सबसे अधिक मात्रा होती है शर्करा की, जो
लगभग 12% होती है। इसमें वसा की मात्रा बेहद कम (0.1%) होती है। इसमें
आपको 0.6% प्रोटीन, 0.12% कैल्शियम, 0.01% फ़ॉस्फ़ोरस भी मिलता है। इसके
अलावा विटामिन ए, बी 2 और सी की मौजूदगी भी अनानास में होती है।
अनानास
में जो 12% शर्करा पाई जाती है, उसका 4% भाग ग्लूकोज़ के रूप में होता है।
इसमें पाए जाने वाले एसिड में 87% नींबू में पाया जाने वाला एसिड तथा 13%
मैलिक एसिड होता है। यह एसिड शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है। अनानास में
ब्रोसमेलिन नाम का एंज़ाइम भी पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद
करता है। जिन लोगों को पाचन की समस्या होती है, उनके लिए तो अनानास वरदान
की तरह है।
अनानास के फ़ायदे
यह बहुत ही स्वादिष्ट
फल है। अनानास में काफ़ी मात्रा में क्लोरीन पाया जाता है, जिससे मूत्रपिंड
की कार्य-प्रणाली को गति मिलती है। यह शरीर के अंदर स्थित विषैले और
निरर्थक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। आयुर्वेद में अनानास
के अनेक गुणों के बारे में लिखा गया है। जैसे-पका हुआ अनानास मूत्रल होता
है, इससे टॉक्सिक चीज़ें बाहर निकल जाती हैं। यह एक पित्तनाशक फल है। इसकी
प्रकृति पाचक होती है। यह गैस को पेट से बाहर निकाल देता है। जिन लोगों को
पेट में गैस की समस्या हो, उन्हें यह फल अपने खानपान में ज़रूर शामिल करना
चाहिए।
अनानास का ताज़ा रस गले को सुखद एहसास दिलाता है। यह कई तरह
के रोगों से गले की रक्षा करता है। कंठरोहिणी (डिफ्थेरिया) तथा मुंह व गले
के रोगों में यह बहुत लाभकारी है। अनानास के रस में कीटाणुनाशक गुण होते
हैं। अनानास का रस पित्तनाशक, पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाला तथा हृदय के
लिए हितकारी है।
अनानास का ख़ाली पेट सेवन नहीं करना चाहिए। इसका बाहरी छिलका और एकदम अंदर का कड़ा भाग निकाल देना चाहिए। शेष गुदे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना चाहिए। बाद में इसका रस निकालना चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाओं को कच्चे अथवा बहुत ज़्यादा पके हुए अनानास का सेवन नहीं करना चाहिए।