और भी ज्यादा संक्रामक होगा कोरोना का अगला वैरिएंट, फिलहाल खत्म नहीं होगी महामारी : WHO
By: Priyanka Maheshwari Thu, 10 Feb 2022 09:28:51
पिछले दो साल से कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है। कोरोना के चलते लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। अब तक 5 वैरिएंट्स- अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन को VoC घोषित किया गया है। ये इंसानों में तेजी से फैलने, उन्हें गंभीर रूप से संक्रमित करने और उनकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए वैरिएंट्स ईजाद होने का ये सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है। WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट और भी ज्यादा संक्रामक होगा, क्योंकि उसे मौजूदा वैरिएंट्स को ओवरटेक करना होगा। वो माइल्ड और गंभीर दोनों हो सकता है और हमारी इम्यूनिटी को मात दे सकता है।
वहीं, बुधवार को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसुस ने एक बार फिर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बीमारियों की कोई सीमा नहीं होती। कोई भी सुरक्षा की भावना अगले ही पल बदल सकती है।
WHO एक्सपर्ट मारिया वान केरखोवे का मानना है कि ओमिक्रॉन कोरोना का आखिरी वैरिएंट नहीं है। हमें आगे भी इसके दूसरे वैरिएंट्स पाए जाने की खबर मिल सकती है। फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि उन वैरिएंट्स में किस तरह के म्यूटेशन्स होंगे।
नेचर जर्नल की एक रिपोर्ट में वैज्ञानिक जेसी ब्लूम ने कहा है कि कोरोना वायरस कभी खत्म नहीं होगा। ये एंडेमिक स्टेज में आ जाएगा, यानी वायरस कमजोर हो जाएगा और लोग इसके साथ जीना सीख लेंगे। ये एक आम बीमारी हो जाएगी।
वैज्ञानिक एंड्रू रंबौट का कहना है कि ओमिक्रॉन का संक्रमण माइल्ड होने के कारण अगले वैरिएंट को भी माइल्ड समझना सही नहीं है। ऐसा हो सकता है कि आने वाला वैरिएंट खतरनाक हो।
आपको बता दे, किसी भी वायरस में समय के साथ बदलाव होते हैं, ताकि वो नेचर में सर्वाइव कर सके। जहां ज्यादातर वायरस अपने गुणों को बहुत ज्यादा नहीं बदलते, वहीं कुछ वायरस ऐसे भी होते हैं जिनमें वैक्सीन और इलाज से लड़ने के कारण बदलाव हो जाते हैं। इस तरह वायरस के नए वैरिएंट्स बनते हैं, जो हमारे लिए खतरा पैदा करते हैं।
लोगों के लिए एक वैरिएंट कितना खतरनाक है, इस आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) उसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' (VoC), यानी एक चिंताजनक वैरिएंट घोषित करता है।
कोरोना के कितने वैरिएंट्स VoC हैं?
अल्फा वैरिएंट (B.1.1.7) पहली बार सितंबर 2020 में ब्रिटेन में पाया गया था। बीटा वैरिएंट (B.1.351) को सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका ने मई 2020 में डिटेक्ट किया था। गामा वैरिएंट (P.1) ब्राजील में नवंबर 2020 में मिला था। डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था। ये अल्फा वैरिएंट से 60% ज्यादा संक्रामक है, इसलिए वैज्ञानिक इसे सुपर अल्फा भी कहते हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट (B.1.1.529) को नवंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका ने रिपोर्ट किया। ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में बाकी वैरिएंट्स से ज्यादा म्यूटेशन्स हैं, जिसके कारण ये तेजी से फैलता है। स्पाइक प्रोटीन की मदद से ही वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश करता है।
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