ये 18 सुपरफूड शरीर में आयरन की कमी को करेंगे पूरा, तुरंत करे डाइट में शामिल
By: Priyanka Maheshwari Fri, 10 Nov 2023 3:33:58
आयरन हमारे शरीर को हेल्दी रखने में मददगार है। शरीर में आयरन की कमी एनीमिया ( शरीर में खून की कमी) के खतरे को बढ़ाती है। यह तब होता है, जब शरीर के रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक होती है। किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है। आयरन की कमी के कारण खराब इम्युनिटी से लेकर बालों के झड़ने तक कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में ये समस्या आम है। आयरन की कमी को दूर करने के लिए हमें आयरन और पोषण के गुणों से भरपूर फूड्स का सेवन ज्यादा करना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बताते हैं जिनमें आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
तिल (काला तिल)
तिल 3 प्रकार के होते हैं। सफेद, काले और लाल। आयुर्वेद के अनुसार सभी तिलों की किस्मों में काले तिल सर्वश्रेष्ठ हैं। तिल आयरन, कॉपर, जिंक, सेलेनियम और विटामिन बी 6, ई और फोलेट से भरपूर होता है। लगभग 1 बड़ा चम्मच काले तिल लें, इन्हें सूखा भून लें, इसमें एक चम्मच शहद और घी मिलाकर एक गोला बना लें। अपने आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से इस पौष्टिक लड्डू का सेवन करें। इसके अलावा काले तिल के सेवन से दिमाग की कोशिकाओं और मांसपेशियों को ताकत मिलती है। तिल में विटामिन-बी कॉम्प्लैक्स व प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं। काले तिल बढ़ती उम्र के असर को भी कम करते हैं। बवासीर की किसी भी स्टेज में तिल को पीसकर मक्खन में मिलाकर खाने से लाभ होता है। तिलों को चबाने से मसूढ़े मजबूत होते हैं।
खजूर
खजूर में कैल्शयिम, सेलेनियम, मैगनीज और कॉपर की काफी मात्रा होती है। आप नाश्ते के रूप में या अपने नाश्ते के साथ 2-3 खजूर का सेवन कर सकते है। खजूर में मौजूद लवण हड्डियों को मजबूत बनाने का काम भी करते है। खजूर खाने से हमारे शरीर को फाइबर मिलता है जिससे कब्ज या एसिडिटी की समस्या में भी राहत मिलती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि खजूर खाने से इंसान को अच्छी नींद आती है। दरअसल खजूर खाने से शरीर से मेलाटोनिन नाम का हार्मोन रिलीज होता है और रात में अच्छी नींद के लिए ये हार्मोन काफी हद तक जिम्मेदार है।
किशमिश
किशमिश का सेवन आयरन की कमी को दूर करता है। आधा कप किशमिश के अंदर 1.3 मिलीग्राम आयरन होता है। एक व्यक्ति को दिनभर में जितने आयरन की जरूरत पड़ती है उसकी 7 प्रतिशत तक आधा कप किशमिश से प्राप्त हो सकती है। किशमिश के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्वों में फाइबर का नाम भी शामिल है। आपको बता दें कि आधा कप किशमिश के अंदर 3.3 ग्राम के आस पास फाइबर पाया जाता है। एक व्यक्ति को दिनभर में जितने फाइबर की आवश्यकता होती है उसके 10 से 24 प्रतिशत भाग आधा कप किशमिश के अंदर मौजूद होता है। आपको बता दें कि फाइबर हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने का कार्य करता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही यह आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है।
चुकंदर और गाजर
चुकंदर और गाजर में आयरन की मात्रा काफी अधिक रहती है। एक ब्लेंडर में लगभग एक कप उबले हुए चुकंदर और गाजर डालें, अच्छी तरह मिलाएं और रस को छान लें इसके बाद इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और इसके नियमित रूप से सुबह सेवन करें। नींबू का रस विटामिन सी की मात्रा को बढ़ाता है और आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है।
पालक
पालक में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। पालक को डाइट में शामिल कर कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। पालक में पाए जाने वाले तत्वों में मुख्य रूप से कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फॉस्फोरस, आयरन, खनिज लवण, प्रोटीन, आयरन, विटामिन 'ए' और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होते हैं। पालक को आयरन का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। इसके अलावा डायबिटीज मरीजों के लिए पालक काफी फायदेमंद है ये शरीर में ज्यादा ग्लूकोज को बनने से रोकता है। पालक को आप सब्जी, सलाद और सूप के रूप में सेवन कर सकते हैं। पालक में कैल्शियम और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होने की वजह से ये हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। पालक नाइट्रेट पोषक तत्व से भरपूर सब्जियों में गिना जाता है, जो स्ट्रोक और हार्ट अटैक की वजह से होने वाली मौत के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
अनार
अनार में फाइबर, विटामिन के,सी, और बी, आयरन, पोटेशियम, जिंक और ओमेगा-6 फैटी एसिड और भी कई सारे तत्व पाये जाते हैं। अनार में मौजूद आयरन की वजह से खून की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा अनार खून को साफ कर खून के बहाव को भी सुचारु रखने में मदद करता है। गर्भवती महिला के लिए अनार का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है । इससे खून की कमी नहीं होती और साथ ही यह पानी की मात्रा भी शरीर में बनी रहती है। अनार खाने से केलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता है । जिससे दिल की बीमारी का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। अनार का सेवन अल्जाइमर की बीमारी को कम करने में बहुत मददगार साबित होता है।
अमरूद
अमरूद की तासीर ठंडी होती है। ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अमरूद में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है जिससे अनेक बीमारियों में फायदा होता है। अमरूद में आयरन और फाइबर के गुण पाए जाते हैं। अमरूद पाचन के साथ-साथ हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में भी मदद कर सकता है। अगर आपके बच्चों के पेट में कीड़े पड़ गए हैं तो अमरूद का सेवन करना उनके लिए फायदेमंद होगा। अगर किसी को पित्त की समस्या हो जाए तो उसके लिए भी अमरूद का सेवन करना फायदेमंद होता है।
साबुत अनाज
आहार में अनाज से बनी चीजों का इस्तेमाल करें, इससे एनीमिया की कमी दूर होगी। साबुत अनाज का सेवन करने से आयरन की कमी दूर होती है। क्योंकि इसमें आयरन अधिक मात्रा में होता है। हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए भोजन में गेंहू और सूजी की बनी चीजें काफी फायदेमंद हो सकती हैं
व्हीट ग्रास
यह बीटा-कैरोटीन, विटामिन के, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर, विटामिन सी, कई बी विटामिन का एक उत्कृष्ट स्रोत प्रदान करता है, और इसमें विभिन्न प्रकार के रक्त-निर्माण कारक होते हैं। व्हीट ग्रास को पीसकर, जूस निकालकर, इसका सेवन करने से, शरीर में खून की कमी पूरी होती है। इसका सेवन व्यक्ति को एनीमिक होने से बचाता है। 1 चम्मच (3-5 ग्राम) व्हीट ग्रास रोजाना सुबह सबसे पहले लेने से आपका हीमोग्लोबिन बेहतर होता है। इसके साथ ही व्हीट ग्रास जूस के सेवन से डाइजेशन ठीक रहता है। इसमें कई तरह के एंजाइम्स काफी मात्रा में पाए जाते हैं। जो शरीर में भोजन को पचाने में मदद करते हैं। व्हीट ग्रास जूस का सेवन करने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। ये एट्रोवास्टेटिन के समान प्रभाव पैदा करता है, जिसको हाई बल्ड प्रेशर को कम करने के लिए जाना जाता है।
जैतून
जैतून विटामिन-ई, विटामिन के, आयरन, ओमेगा-3 व 6 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 100 ग्राम जैतून में 3।3 मिलीग्राम आयरन तत्व होता है। इसके सेवन से आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। मधुमेह के मरीजों के लिए जैतून का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
सीड्स
सीड्स को डाइट में शामिल कर आयरन की कमी को दूर कर सकते हैं। चिया, कद्दू, अलसी आदि के बीजों को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। आयरन की कमी को दूर करने के लिए आप इन्हें स्नैक्स, सलाद और सब्जी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
आलू
आलू एक ऐसी सब्जी का जिसका इस्तेमाल लगभग हर दिन हर घर में किया जाता है। एक कच्चे आलू में 3.2 मिलीग्राम आयरन तत्व पाया जाता है। आलू फाइबर, विटामिन सी, बी 6 और पोटेशियम का भी एक रिच सोर्स है। आलू को डाइट में शामिल कर आयरन की कमी को दूर कर सकते हैं।
रेड मीट
रेड मीट में आयरन की मात्रा अधिक होती है। 100 ग्राम ग्राउंड बीफ में 2.7 मिलीग्राम आयरन होता है। रेड मीट हेल्दी डाइट का हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे कम मात्रा में ही लिया जाना चाहिए। बहुत अधिक रेड मीट का सेवन अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
क्विनोआ
क्विनोआ में आयरन के साथ-साथ प्रोटीन की भी उच्च मात्रा पाई जाती है। ये ग्लूटेन फ्री होता है। क्विनोआ की 185 ग्राम सर्विंग में 2।8 मिलीग्राम आयरन होता है।
मछली
टूना फिश सहित हैडॉक, मैकेरल और सार्डिन फिश भी आयरन से भरपूर होती हैं। टिन्ड ट्यूना की 85 ग्राम सर्विंग में 1.4 मिलीग्राम आयरन होता है।
दाल
दाल सहित अन्य फलियों में आयरन की भरपूर मात्रा होती है। इसे सूपर फूड की भी कहा जाता है। 198 ग्राम पकी हुई दाल में 6.6 मिलीग्राम आयरन होता है। फलियों में फाइबर की उच्च मात्रा होने की वजह से ये शरीर में आयरन की कमी को पूरा करती हैं साथ ही वजन घटाने में भी मदद करती हैं।
मोरिंगा की पत्तियां
मोरिंगा की पत्तियां आयरन, विटामिन ए, सी और मैग्नीशियम का एक पावरहाउस हैं। रोज सुबह खाली पेट 1 चम्मच मोरिंगा की पत्ती का पाउडर आपके आयरन के स्तर को बढ़ा सकता है। इसका सेवन बीपी कम करने वाला माना जाता है। यहां तक कि वजन घटाने में भी ये सहायक होता है। दिल की बीमारी में भी यह बहुत फायदेमंद होता है। कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। इस तरह सहजन आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि आपको डॉक्टर से भी सलाह जरूर लेनी चाहिए।
टोफू
शाकाहारी लोगों के लिए टोफू प्रोटीन और आयरन का अच्छा विकल्प माना जाता है। 126 ग्राम टोफू में 3.4 मिलीग्राम आयरन और 22 ग्राम प्रोटीन होता है। टोफू को सलाद, सब्जी और स्नैक्स के तौर पर लिया जा सकता है। टोफू सोयाबीन मिल्क से बनता है। इसमें कैल्शियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही यह ग्लूटेन फ्री होता है। इसमें कैलरी भी काफी कम होती हैं जिसकी वजह से यह वजन कम करने में भी कारगर है। टोफू खराब कलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल कलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। टोफू में आइसोफ्लेवोनिस होते हैं जिन्हें विभिन्न प्रकार के कैंसर से बचाव में सहायक माना गया है। नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट की 2012 में आयी एक स्टडी के अनुसार, टोफू एंडोमिट्रियल कैंसर की रोकथाम में भी कारगर है। इसके अलावा इसे ब्रेस्ट कैंसर से लेकर प्रोस्टेट और फेफड़ों के कैंसर से बचाव में सहायक माना गया है।
चाय, कॉफी, दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स शरीर में आयरन को एब्जॉर्व करने में बाधा पैदा कर सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए इनका सेवन बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए।