मीठे पेय पदार्थों के कारण हर साल 30 लाख से ज्यादा नए डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारी के मामले: अध्ययन

By: Sandeep Gupta Sat, 01 Feb 2025 7:00:20

मीठे पेय पदार्थों के कारण हर साल 30 लाख से ज्यादा नए डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारी के मामले: अध्ययन

एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ (मीठे पेय पदार्थ) दुनिया भर में डायबिटीज और हृदय रोग के लाखों मामलों का कारण बन रहे हैं। अध्ययन के अनुसार, चीनी से भरपूर ड्रिंक्स के कारण हर साल दुनिया भर में 2.2 मिलियन नए टाइप 2 डायबिटीज के मामले और 1.2 मिलियन नए हृदय रोग के मामले सामने आते हैं। टफ्ट्स विश्वविद्यालय के फ्रीडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी के शोधकर्ताओं ने बताया कि नियमित रूप से मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से डायबिटीज और हृदय रोग के मामलों में वैश्विक स्तर पर वृद्धि हो रही है। यह अध्ययन 184 देशों से एकत्रित डेटा और 'नेचर मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों पर आधारित है, जिसमें यह पाया गया कि चीनी युक्त ड्रिंक्स के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा विशेष रूप से विकासशील देशों में ज्यादा है।

अध्ययन में क्या हुआ खुलासा

अध्ययन में यह खुलासा किया गया है कि मीठे पेय पदार्थों के कारण हर साल डायबिटीज और हृदय रोग से 330,000 से अधिक मौतें होती हैं। शोधकर्ताओं ने देशों के स्तर पर डेटा भी प्रस्तुत किया, जिसमें लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में 2020 में डायबिटीज के नए मामलों में से लगभग 24% मामलों का कारण चीनी युक्त पेय पदार्थ थे। इसके अलावा, उप-सहारा अफ्रीका में 1990 से 2020 तक इन मामलों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई, जहां चीनी युक्त पेय पदार्थों के कारण हर पांच में से एक डायबिटीज का मामला और हर दस में से एक हृदय रोग का मामला सामने आया। कोलंबिया में, सभी नए डायबिटीज के मामलों में से लगभग आधे का कारण मीठे पेय पदार्थ थे, जबकि मेक्सिको में यह आंकड़ा लगभग एक तिहाई था। दक्षिण अफ्रीका में नए डायबिटीज मामलों में से एक चौथाई से ज्यादा और हृदय रोग के मामलों में से 14.6% मीठे पेय पदार्थों के कारण थे।

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क्यों बढ़ाते हैं चीनी युक्त पेय पदार्थ डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा?

मीठे पेय पदार्थ (Sweetened Beverages) शरीर में तेजी से पचने वाले सरल कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो रक्तप्रवाह में तुरंत अवशोषित हो जाते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ जाता है, लेकिन ये किसी भी आवश्यक पोषक तत्व की पूर्ति नहीं करते। लंबे समय तक इनका अधिक सेवन वजन बढ़ाने, इंसुलिन प्रतिरोध और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का कारण बन सकता है, जिससे डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। यह चिंता का विषय है क्योंकि ये दोनों बीमारियां दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।

टफ्ट्स विश्वविद्यालय के फूड इज मेडिसिन संस्थान के निदेशक और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक दारीश मोजाफेरियन के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इन हानिकारक मीठे पेय पदार्थों का सबसे अधिक सेवन किया जा रहा है, जिससे इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।

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मीठे पेय पदार्थों (sugar-rich beverages) के हानिकारक परिणाम

डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है

मीठे पेय पदार्थ इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। समय के साथ, यह स्थिति टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकती है। शोध में यह भी पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से चीनी युक्त पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, उनमें डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।

हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक

अधिक चीनी का सेवन हृदय संबंधी बीमारियों से जुड़ा हुआ है। मीठे पेय पदार्थ हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल, बढ़े हुए ट्राइग्लिसराइड्स और मोटापे का कारण बन सकते हैं। ये सभी कारक हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं, उनमें दिल की बीमारियों से मरने की संभावना दोगुनी हो सकती है।

वजन बढ़ना और मोटापा


मीठे पेय पदार्थों में बहुत अधिक कैलोरी होती है, लेकिन इनमें कोई पोषक तत्व नहीं होते। इनका अधिक सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होती है, जिससे मोटापे की समस्या बढ़ सकती है। मोटापा अपने आप में कई बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और जोड़ों की समस्याएं।

दांतों की सड़न और मसूड़ों की समस्या

इन पेय पदार्थों में मौजूद उच्च मात्रा में चीनी मुंह में एसिडिक वातावरण बनाती है, जिससे दांतों की इनैमल नष्ट हो सकती है। इससे दांतों में कैविटी और मसूड़ों की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। खासतौर पर बच्चों में मीठे पेय पदार्थों के ज्यादा सेवन से दांतों की सड़न की समस्या तेजी से बढ़ रही है।

लिवर को नुकसान

मीठे पेय पदार्थों में अक्सर फ्रुक्टोज (Fructose) की मात्रा अधिक होती है, जो सीधे लिवर में जाती है और इसे फैट में बदल देती है। यह प्रक्रिया गैर-अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज (NAFLD) का कारण बन सकती है। लंबे समय तक मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से लिवर में सूजन और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

कैंसर का खतरा


कुछ अध्ययनों के अनुसार, अधिक मात्रा में मीठे पेय पदार्थों का सेवन कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। हाई ब्लड शुगर, मोटापा और सूजन कैंसर के विकास में योगदान कर सकते हैं।

मेटाबॉलिज्म पर असर

मीठे पेय पदार्थ मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को धीमा कर सकते हैं, जिससे शरीर की ऊर्जा खर्च करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे वजन बढ़ने और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।

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