मान लीजिए आप किसी व्यस्त सड़क पर जा रहे हैं और अचानक आपके सामने किसी बाइक सवार का गंभीर सड़क हादसा हो जाता है। चारों तरफ लोग इकट्ठा तो होते हैं, पर ज़्यादातर सिर्फ तमाशबीन बनकर खड़े रहते हैं। कोई व्यक्ति मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड करने लगता है, तो कोई राहगीर फोन पर बात करते हुए बिना रुके आगे बढ़ जाता है। इस दौरान अगर ज़ख्मी व्यक्ति का खून बहना रुक न सके, तो कुछ ही मिनटों में वह जिंदगी की लड़ाई हार सकता है। ऐसे में सिर्फ एक जागरूक और जिम्मेदार कदम किसी की अनमोल जान बचाने में निर्णायक साबित हो सकता है। एक्सीडेंट के तुरंत बाद अगर प्राथमिक उपचार यानी फर्स्ट एड मुहैया कराया जाए, तो गंभीर स्थिति से राहत पाई जा सकती है। एंबुलेंस आने तक उठाए गए सही कदम ज़िंदगी और मौत के बीच की दूरी तय कर सकते हैं।
सबसे पहले खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करें
किसी पीड़ित की मदद करने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि आपकी खुद की जान को कोई खतरा न हो। अगर हादसा व्यस्त ट्रैफिक वाली सड़क के बीच हुआ है, तो पहले ट्रैफिक को रोकें या किसी अन्य व्यक्ति से ट्रैफिक डायवर्ट कराने में सहायता लें। अपने चारों ओर की स्थिति को समझें और तब ही पीड़ित के पास सुरक्षित पहुंचें। याद रखें, आपकी सुरक्षा प्राथमिक है ताकि आप दूसरों की मदद कर सकें।
घाव पर तुरंत दबाव डालें और खून का बहाव रोकें
अगर व्यक्ति को तेज़ खून बह रहा है, तो सबसे पहले उसे रोकने की कोशिश करें क्योंकि यही सबसे अधिक जानलेवा स्थिति होती है। कोई साफ रुमाल, तौलिया या कपड़ा लेकर सीधे घाव पर दबाव डालें। अगर ये सब उपलब्ध नहीं है, तो पीड़ित की शर्ट, दुपट्टा या आपकी जेब में रखा कपड़ा भी काम आ सकता है। लगातार दबाव बनाने से खून बहाव में कमी आती है और ब्लड लॉस कम होता है, जिससे व्यक्ति की स्थिति स्थिर हो सकती है।
घायल अंग को दिल की ऊंचाई से ऊपर रखें
यदि चोट हाथ या पैर में है, तो उसे शरीर की सामान्य ऊंचाई से ऊपर यानी दिल की ऊंचाई से थोड़ा ऊपर उठाकर रखें। इससे रक्त प्रवाह धीमा होता है और ब्लीडिंग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह एक आसान लेकिन बेहद प्रभावी तकनीक है।
टूरनिकेट का सुरक्षित और सही उपयोग करें
अगर किसी नस से तेज़ खून बह रहा है और दबाव से बंद नहीं हो रहा, तो टूरनिकेट तकनीक इस्तेमाल की जा सकती है। इसके लिए बेल्ट, स्कार्फ, कपड़ा या किसी लचीले पट्टे का उपयोग करें और घाव से कुछ इंच ऊपर इसे कसकर बांधें ताकि खून का बहाव रुक सके। ध्यान रखें कि इसे लगातार ज्यादा देर तक न बांधें। हर 15 मिनट में एक बार थोड़ी देर के लिए ढीला करें ताकि प्रभावित अंग में रक्त संचार पूरी तरह बंद न हो।
घबराएं नहीं, मानसिक संतुलन बनाए रखें
ऐसी आपातकालीन स्थिति में घबराना स्वाभाविक है, लेकिन शांत रहकर तुरंत निर्णय लेना ही किसी की जान बचाने की कुंजी हो सकता है। अपने आसपास मौजूद लोगों को निर्देश दें, एंबुलेंस को कॉल करें और जरूरत पड़ने पर CPR जैसी तकनीक का इस्तेमाल करें। आपकी सूझबूझ, संवेदनशीलता और तत्परता ही उस व्यक्ति के लिए जीवनदायिनी बन सकती है।
जिम्मेदारी से निभाएं एक नागरिक का कर्तव्य
एक्सीडेंट के बाद अगर समय पर खून का बहाव रोका जाए और प्राथमिक उपचार मिल जाए, तो कई गंभीर जानलेवा स्थितियों से बचा जा सकता है। यह सिर्फ एक मदद नहीं, बल्कि आपकी सामाजिक और मानवीय जिम्मेदारी भी है। अगली बार जब किसी सड़क हादसे के गवाह बनें, तो सिर्फ देखने वाले न बनें – कुछ ऐसा करें जिससे किसी का जीवन बचाया जा सके।