मॉनसून के दिनों में गर्भवती महिलाएं रखें अपनी सेहत का ख्याल, ले इन टिप्स की मदद
By: Ankur Mon, 25 July 2022 5:17:03
मॉनसून सीजन जारी हैं जिसकी वजह से गर्मियों में राहत मिली हैं और मौसम सुहाना हो चुका हैं। ये मौसम भले ही मन को अच्छा लगे लेकिन सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस बदलते मौसम में वायरल इंफेक्शन, सर्दी, खांसी, बुखार जैसी समस्याएं होना आम बात हैं। इसके अलावा हैजा, डिहाईड्रेशन और लेप्टोसिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां भी फैल सकती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान देने की जरूरत होती हैं क्योंकि यह आपके और बच्चे की सेहत से जुड़ा मामला हैं। यह मौसम मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। थोड़ी सी भी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मॉनसून के इन दिनों में हर गर्भवती महिला को ध्यान में रखनी चाहिए।
संतुलित पौष्टिक आहार
मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए मानसून में भी संतुलित पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसा समय होता है, जब शरीर की सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता अपने निम्न स्तर पर होती है और मानसून इसके साथ कई बीमारियां लेकर आता है। आप इस मौसम में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कैल्शियम और कैलोरी से युक्त आहार का सेवन करें। ऐसे समय में गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करना और हेल्दी सूप का सेवन बढ़िया विकल्प है। ताजा खाद्य पदार्थों का सेवन करें और पालक, गोभी जैसी सब्जियों से बचें क्योंकि इसमें कीटाणुओं की आशंका होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक है कि वह ताजा और स्वच्छ खाना ही खाएं। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए विटामिन-सी भी बहुत जरुरी होता है। इसलिए इसका सेवन भी जरुर करें।
तरल पदार्थ की कमी ना होने दें
वातावरण में आर्द्रता बढ़ जाती है, जबकि तापमान कम हो जाता है, जिससे मानसून सुखद होता है। कई गर्भवती महिलाएं मानसून में डिहाइड्रेशन से पीड़ित होती हैं, जिससे मतली, सिरदर्द और बेहोशी की शिकायत होती है। पानी की कमी शरीर में खनिज, शर्करा और नमक के संतुलन को बिगाड़ सकती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि तरल पदार्थ का सेवन करें। अपने आहार में नियमित रूप से नारियल पानी और जूस को शामिल करें।
स्वच्छ पानी पियें
अगर आप बारिश के मौसम में माँ बनने वाली है तो इस दौरान आप फ़िल्टर का ही पानी पियें, ताकि आपका स्वास्थ अच्छा रहे। कई सारे डॉक्टर्स का भी यही कहना है की इस दौरान साफ पानी पिएं इसलिए हमेशा फ़िल्टर वाला पानी ही पिएं, प्रेगनेंसी में महिलाओ को डीहाईड्रेशंस की समस्या भी आम होती हैं। इसलिए खूब पानी पिए, थोड़ी थोड़ी देर में कई बार में पानी पिए।
व्यक्तिगत स्वच्छता पर दें ध्यान
स्वस्थ और रोग से मुक्त रहने के लिए स्वच्छता के प्रति अधिक जागरुक होने की जरूरत है। जब बात व्यक्तिगत स्वच्छता की होती है तो कई लोग गलतियां कर रहे होते हैं और इसके बारे में उन्हें पता भी नहीं होता है। भले ही चारों ओर सामान्य साफ-सफाई बनाए रखे हुए हों, लेकिन मानसून संक्रमण और बीमारियों को लेकर आता ही है। स्वच्छता के किसी भी पहलू को अनदेखा करना कीटाणुओं को शरीर तक पहुंचने का एक रास्ता दे देता है, जिससे बच्चे पर भी असर पड़ सकता है। यदि संक्रमण से बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर शिशु पर इसके प्रभाव के कारण एंटीबायोटिक्स नहीं दे सकता है और प्राकृतिक उपाय का सहारा लेना पड़ेगा जो कि काफी समय ले सकता है। रोकथाम सबसे अच्छा इलाज है।
स्ट्रीट फ़ूड से बनाए दूरी
बाहर का खाना लगभग सभी को पसंद होता है, लेकिन इस दौरान आपको स्ट्रीट फ़ूड नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इस दौरान इन्फेक्शंस का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था में इम्यूनिटी आमतोर पर सामान्य से कम हो जाती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान ताजे फ्रूट्स और घर का बना ताजा खाना ही खाना चाहिए।
मौसम के अनुसार पहनें कपड़े
बारिश हो या कोई भी मौसम, गर्भवती महिलाओं को आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। सूती कपड़े सबसे अच्छे होते हैं। गर्भवती महिलाओं को इस मौसम में सिंथेटिक के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि इन कपड़ों में बहुत ही पसीना आता है और गर्मी भी लगती है एवं त्वचा पर चकते भी बन सकते हैं।
सही फुटवियर का चुनाव
यदि घर से बाहर टहलना पसंद करते हैं या अब भी गर्भावस्था के शुरुआती चरण में हैं, तो मानसून में फिसलन वाली सतहों पर अपना संतुलन बनाए रखने के लिए ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत होती है। यहां तक कि जिन सड़कों से अच्छी तरह वाकिफ हैं वो भी बारिश के मौसम में जोखिम भरी हो सकती हैं। गलती से भी पैर फिसलना गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।