कुष्ठ रोग, पेट के दर्द, सूजन, मधुमेह और यहां तक की कैंसर के इलाज में मददगार है 'गोमूत्र', इसके सेवन के और भी हैं लाभ

By: Priyanka Maheshwari Tue, 14 Sept 2021 10:50:51

कुष्ठ रोग, पेट के दर्द, सूजन, मधुमेह और यहां तक की कैंसर के इलाज में मददगार है 'गोमूत्र',  इसके सेवन के और भी हैं लाभ

शास्‍त्रों में ऋषियों-महर्षियों ने गौ की अनंत महिमा लिखी है। उनके दूध, दही़, मक्खन, घी, छाछ, मूत्र आदि से अनेक रोग दूर होते हैं। आयुर्वेद में गोमूत्र को फायदेमंद माना गया है। घर के बुर्जुग लोग पहले के जमाने में बीमारियों से बचे रहने के लिए गो मूत्र का सेवन करते थे। आज भी विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य परेशानियों से पीडि़त लोगों को गो मूत्र पीने की सलाह दी जाती है। 1000 साल पुरानी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार, गो मूत्र कई मिनरल्स का एक प्राकृतिक स्त्रोत है। इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम क्लोराइड, फॉस्‍फेट, अमोनिया, कैरोटिन, स्वर्ण क्षार आदि पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं इसलिए इसे औषधीय गुणों की दृष्टि से महौषधि माना गया है। इसके रोजाना सेवन से शरीर को विभिन्न पोषक तत्वों की कमी को दूर करने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि गोमूत्र में एंटीबायोटिक, एंटिफंगल और एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं। इसमें 95% पानी, 2.5% यूरिया, मिनरल्स, और 2.5% एंजाइम पाए जाते हैं। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं कि यह आपके लिए लाभदायक है।

ऐसा माना जाता है कि जब गाय खेत की तरफ देखती है, तो वह कई सारे औषधीय पत्ते खाती है, जिनके निशान उनकी मूत्र में देखे जा सकते हैं। भारत में गौमूत्र का उपयोग चिकित्साय प्रयोजनों के लिए बहुत लंबे समय से किया जाता रहा है। गर्भवती गाय के मूत्र को भी स्वस्थ माना जाता है। क्योंकि इसमें विशेष हार्मोन और मिनरल होने का दावा किया गया है। आयुर्वेद मधुमेह, ट्यूमर, पेट की समस्याओं यहां तक की कैंसर सहित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए हर सुबह खाली पेट गौमूत्र पीने की सलाह देता है।

प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार, गोमूत्र सभी के लिए फायदेमंद है। यह न केवल रोग के लक्षणों को ठीक करता है, बल्कि नियमित रूप से इसे पीने से बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। आयुर्वेद द्वारा बताए गए गोमूत्र पीने के कुछ अन्य लाभ दिए गए हैं।

gomutra ke fayde,cow urine benefits,gomutra ke fayde,Health,Health tips ,गोमूत्र के फायदें

- यह कुष्ठ रोग, पेट के दर्द, सूजन, मधुमेह और यहां तक की कैंसर के इलाज में मददगार है।
- बुखार का इलाज करने के लिए इसे काली मिर्च, दही और घी के साथ लिया जाता है।
- माना जाता है कि त्रिफला , गोमूत्र और गाय के दूध का मिश्रण एनीमिया को दूर करने में मदद करता है।
- गोमूत्र को पेप्टिक अल्सर, अस्थमा और लीवर की बीमारी के इलाज के लिए भी अच्छा माना जाता है।
- मिर्गी के इलाज के लिए गोमूत्र और धरूहरिद्रा के मिश्रण का उपयोग किया जाता है।
- गोमूत्र का उपयोग साबुन और शैंपू जैसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को तैयार करने के लिए भी किया जाता है।
- गोमूत्र एक अच्छा एंटीसेप्टिक भी है। यह घाव को बहुत जल्दी भरने में फायदेमंद साबित होता है।
- जोड़ों में दर्द होने पर गोमूत्र का प्रयोग दो तरीकों से किया जा सकता है। इनमें से पहला तरीका है, दर्द वाले स्थान पर गोमूत्र से सेंक करें। और सर्दी में जोड़ों का दर्द होने पर 1 ग्राम सोंठ के चूर्ण के साथ गोमूत्र का सेवन करें।

gomutra ke fayde,cow urine benefits,gomutra ke fayde,Health,Health tips ,गोमूत्र के फायदें

- गोमूत्र एक बेहतरीन डिटॉक्स ड्रिंक है। आयुर्वेद का मानना है कि गोमूत्र सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर मानव शरीर को अंदर से साफ कर सकता है, जिससे क्रॉनिक डिसीज का खतरा कम हो जाता है।
- गोमूत्र के माध्यम से आप मोटापे पर आसानी से नियं‍त्रण पा सकते हैं। आधे गिलास ताजे पानी में 4 चम्मच गोमूत्र, 2 चम्मच शहद तथा 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर नित्य सेवन करें।
- दांत दर्द एवं पायरिया में गोमूत्र से कुल्ला करने से लाभ होता है। इसके अलावा पुराना जुकाम, नजला, श्वास- गोमूत्र एक चौथाई में एक चौथाई चम्मच फूली हुई फिटकरी मिलाकर सेवन करें।
- 4 चम्मच गोमूत्र का सुबह-शाम सेवन करना हृदय रोगियों के लिए लाभकारी होता है। इसके साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए भी यह लाभकारी है। मधुमेह के रोगियों को बिना ब्यायी गाय का गोमूत्र प्रतिदिन डेढ़ तोला सेवन करना चाहिए।

gomutra ke fayde,cow urine benefits,gomutra ke fayde,Health,Health tips ,गोमूत्र के फायदें

- 200-250 मिली गोमूत्र 15 दिन तक पिएं, उच्च रक्तचाप होने पर एक चौथाई प्याले गोमूत्र में एक चौथाई चम्मच फूली हुई फिटकरी डालकर सेवन करें और दमा के रोगी को छोटी बछड़ी का 1 तोला गोमूत्र नियमित पीना लाभकारी होता है।
- नीम गिलोय क्वाथ के साथ सुबह-शाम गोमूत्र का सेवन करने से रक्तदोषजन्य चर्मरोग नष्ट हो जाता है। इसके अलावा चर्मरोग पर जीरे को महीन पीसकर गोमूत्र मिलाकर लेप करना भी लाभकारी है।
- आंख के धुंधलेपन एवं रतौंधी में काली बछिया के मूत्र को तांबे के बर्तन में गर्म करें। चौथाई भाग बचने पर छान लें और उसे कांच की शीशी में भर लें। उससे सुबह-शाम आंख धोएं।
- गोमूत्र में एंटीडायबिटीक व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जिस कारण यह शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन में माना गया है कि अगर मधुमेह से ग्रस्त मरीज गोमूत्र का सेवन करते हैं, तो 28 दिन में इंसुलिन का स्तर संतुलित हो सकता है
- गाय का मूत्र आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के उत्पादन को रोकता है। यह कोलेजन (एक तरह के प्रोटीन का समूह) और टिशू के निर्माण में मदद करता है, जिससे जख्मों को भरने में मदद मिलती है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com