कैंसर का संकेत हो सकते हैं सामान्य दिखने वाले ये 10 लक्षण, ना करें इग्नोर करने की गलती
By: Ankur Tue, 02 Aug 2022 8:17:36
आजकल की बदलती जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों के कारण कई लोग कैंसर की घटक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। कई बार तो लोगों को कैंसर की बीमारी का तब पता चलता हैं जब उसका इलाज हो पाना ही नामुमकिन हो जाता हैं। समय रहते कैंसर के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इसका सफल इलाज किया जा सकता हैं। ज्यादातर लोगों को ये लगता है कि एडवांस स्टेज में कैंसर के लक्षण सामने आते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। रोज की दिनचर्या में कुछ सामान्य संकेत ऐसे होते हैं जो लंबे समय तक बने रहते हैं, जिन्हें हम अनदेखा कर जाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं शुरूआती संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कैंसर की आहट देते हैं। इन्हें जानकर बिना नजरअंदाज किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लगातार वजन कम होना
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक कैंसर फैलने के दौरान जब मेटास्टेस बढ़ता है तो कैंसर सेल्स अपने मेटाबॉलिज्म के लिए सामान्य सेल्स की तुलना में ज्यादा एनर्जी की मांग करती हैं। ऐसे में अधिक कैलोरी बर्न हो सकती है और वजन कम हो सकता है। इसके अलावा कैंसर फैलने से मितली और भूख कम होने की समस्या हो सकती है, जिससे वजन घट सकता है।
शरीर में गांठ का दिखना
एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के शरीर में अचानक ही कोई गांठ उभर आए, तो उसे इग्नोर करना खतरनाक हो सकता है। शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ धीरे-धीरे बड़ी हो जाती है, जो कैंसर या सिस्ट का रूप ले लेती है। कई बार गांठ अपने आप ठीक भी हो जाती है, लेकिन गांठ में दर्द हो या खून निकले तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
त्वचा में परिवर्तन
विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ प्रकार के कैंसर में लोगों को त्वचा में बदलाव देखने को मिल सकती है। शरीर पर असामान्य रूप से गांठों या निशान का देखा जाना त्वचा कैंसर का संकेत हो सकता है। त्वचा पर दिखने वाले धब्बों से खून बहना और इसका आसानी से ठीक न होना त्वचा कैंसर के लक्षण हो सकते हैं । इसी तरह से मुंह का कैंसर, मुंह में छाले के साथ शुरू होता है। इन संकेतों को ध्यान में रखना चाहिए।
खांसी
कई बीमारियों में खांसी की समस्या हो सकती है। ब्रोंकाइटिस अस्थमा, कोविड और फेफड़ों के कैंसर से खांसी पैदा हो सकती है। 4 हफ्ते से अधिक समय तक खांसी बनी रहे और इसके साथ ही बुखार या वजन कम होने जैसे लक्षण दिखे तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। लंबे समय तक खांसी का होना लंग्स या थायरोइड कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको भी ऐसे कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसे इग्नोर न करें।
मल में खून आना
बवासीर की समस्या के अलावा इसी अन्य स्थिति में मल में खून नहीं आता है। अगर आपको बवासीर नहीं है और फिर भी मल में खून आ रहा हो तो यह रेक्टल या कोलन कैंसर होने का संकेत हो सकता है। इसके अलावा इंटेस्टाइन में कैंसर होने पर भी ऐसा हो सकता है।
डिप्रेशन
कई स्टडीज में यह पता चला है कि कैंसर के निदान के बाद बहुत से लोग डिप्रेशन जैसे गंभीर मानसिक स्थिति का अनुभव करते हैं। लेकिन कई दुर्लभ मामलों में चिंता या डिप्रेशन मस्तिष्क में ट्यूमर का लक्षण हो सकता है।
लगातार कफ बनना
लगातार कफ बने रहना भी कैंसर का संकेत है। अगर तीन से चार हफ्ते तक लगातार कफ बना रहे तो इसे इग्नोर न करें। लगातार कफ रहना, कफ के साथ खून आना, सांस लेने में तकलीफ होना लंग कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
लंबे समय तक दर्द रहना
शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द रहना आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। जैसे लंबे समय से हड्डियों या ओवरी में दर्द रहना, जिसे आप इग्नोर करते हैं। यह दर्द ओवेरियन कैंसर और बोन कैंसर की ओर इशारा करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी का मानना है कि कैंसर से होने वाले दर्द का आमतौर पर मतलब है कि वह आपके शरीर में फैल रहा है। दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है।
योनि से खून बहना
स्वस्थ युवा महिलाओं में, मासिक मासिक रक्तस्राव एक सामान्य शारीरिक घटना है। कुछ स्थितियों में योनि से रक्तस्राव चिंता का कारण हो सकता है। मेनोपोज, पीरियड्स बंद होने के बाद योनि से रक्तस्राव गर्भाशय के कैंसर का संकेत हो सकता है। जब गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) में असामान्य कोशिकाएं बढ़ती हैं, तो वे असामान्य योनि रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।
थकान
जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंसर रोगियों में लगातार थकान बने रहने की समस्या भी काफी आम देखी गई है। शरीर को आराम देने के बाद भी थकान कम न होने को कैंसर का प्रारंभिक संकेत माना जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक कैंसर को बढ़ने के लिए आपके शरीर के पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है, इन पोषक तत्व की कमी के कारण लोगों को थकान होती है। हालांकि सिर्फ थकान को ही कैंसर नहीं माना जा सकता है। थकान के बहुत सारे अंतर्निहित कारण भी होते हैं, उनमें से कई कैंसर से संबंधित नहीं होते हैं। इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।