आमिर खान की बहुचर्चित फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ को लेकर जहां दर्शकों और समीक्षकों की सराहना लगातार मिल रही है, वहीं अब इस लिस्ट में अभिनेता और कॉमेडियन वीर दास का नाम भी जुड़ गया है। वीर ने न केवल फिल्म की खुलकर तारीफ की बल्कि इसे मौजूदा दौर की सबसे "जेन्युनली फनी" यानी सच्चे मायनों में मज़ेदार फिल्म करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक और व्यंग्यात्मक पोस्ट शेयर करते हुए लोगों से थिएटर जाकर फिल्म देखने की अपील भी की।
वीर दास का ताज़ा रिएक्शन: दिल से कही बात, कॉमेडी के नियम तोड़े फिल्म ने
अपने पोस्ट में वीर दास ने कहा, "जाइए और 'सितारे' देखिए। सिर्फ इसलिए नहीं कि ये वाकई बहुत अच्छी और हल्की-फुल्की फिल्म है। सिर्फ इसलिए भी नहीं कि इस फिल्म की पूरी स्टारकास्ट आपका दिल जीत लेती है। या फिर इसलिए नहीं कि एक बड़ा सुपरस्टार बार-बार अपने मंच को कुछ अर्थपूर्ण कंटेंट के लिए साझा करता है। बल्कि इसलिए कि ये फिल्म वास्तव में मज़ेदार है।"
वीर ने आगे लिखा, "किसी भी कॉमेडी सीन में शक्ति संतुलन ज़रूरी होता है, लेकिन सबसे अच्छी कॉमेडी वही होती है जो इस संतुलन को तोड़कर आपको चौंका देती है। ‘सितारे ज़मीन पर’ यही करती है। यह अपने पात्रों को सिर्फ पंचलाइन नहीं देती, बल्कि उनका मानवीय पक्ष भी दिखाती है।"
कहानी और कॉमिक टोन को लेकर तारीफ
वीर दास ने फिल्म की स्क्रिप्ट और ट्रीटमेंट की भी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह फिल्म कॉमेडी की पारंपरिक धारणाओं से अलग हटकर एक नई सोच और ताजगी लाती है। उन्होंने इसे "बिना एक्शन के ओवरडोज़ के एक अलग अनुभव" बताया।
आमिर खान की फिल्म को मिल रही व्यापक सराहना
‘सितारे ज़मीन पर’ 20 जून को रिलीज़ हुई और पहले ही दिन 11.7 करोड़ की कमाई कर सुर्खियों में आ गई थी। फिल्म को दर्शकों से बेहतरीन रिस्पॉन्स मिल रहा है। यह फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की तरह ही एक प्रेरणादायक विषय को मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती है। आर.एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित इस फिल्म में आमिर खान के साथ जेनेलिया डिसूजा और 10 नए चेहरों ने मुख्य भूमिका निभाई है।
वीर दास जैसे कॉमिक आर्टिस्ट द्वारा फिल्म की प्रशंसा यह दर्शाती है कि ‘सितारे ज़मीन पर’ सिर्फ एक भावनात्मक कहानी नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा में एक ठोस और स्तरीय हास्य की पेशकश भी है। फिल्म वर्तमान भारतीय कॉमेडी शैली से एकदम अलग दिशा में जाकर दर्शकों को ताजगी, संवेदना और मनोरंजन का संपूर्ण अनुभव देती है। यदि आपने यह फिल्म नहीं देखी है, तो वीर दास की सलाह को गंभीरता से लें और थिएटर में इसका आनंद जरूर उठाएं।