27 जून को रिलीज होने जा रही फिल्म ‘निकिता रॉय’ न केवल सोनाक्षी सिन्हा के लिए एक नई चुनौती है, बल्कि उनके भाई कुश सिन्हा के लिए भी यह बतौर निर्देशक एक बड़ा डेब्यू है। यह पारिवारिक जुड़ाव जितना भावनात्मक है, उतना ही पेशेवर भी—और कुश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोनाक्षी को फिल्म में लेने का फैसला किसी रिश्तेदारी पर नहीं, बल्कि उनकी अदाकारी की क्षमता पर आधारित था।
सोनाक्षी इस किरदार के लिए सबसे उपयुक्त थीं
आईएएनएस से बातचीत में कुश सिन्हा ने कहा कि वह सोनाक्षी की एक्टिंग स्किल्स से बेहद प्रभावित रहे हैं। "‘अकीरा’, ‘लुटेरा’ और ‘दबंग’ जैसी फिल्मों में उनका अभिनय देखकर ही यह विश्वास हुआ कि वह ‘निकिता रॉय’ के किरदार में जान डाल सकती हैं। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और किरदार को गहराई से निभाने की क्षमता इसे साबित करती है।"
उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने स्क्रिप्ट लिखना शुरू किया था, तभी उनके दिमाग में सोनाक्षी का नाम आया और उन्हें यकीन था कि वह इस रोल को जीवंत कर देंगी।
स्क्रिप्ट की मजबूती है इस फिल्म की रीढ़
कुश सिन्हा ने फिल्म के निर्माण के दौरान आई चुनौतियों पर भी रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि स्क्रिप्ट को बेहतर बनाने में सबसे ज्यादा मेहनत लगी। “पवन कृपालानी ने बेहतरीन कहानी लिखी, लेकिन हम इसे और ज्यादा गहराई देना चाहते थे। स्क्रिप्ट को निखारना, भावनात्मक स्तर पर मजबूत करना और हर किरदार को विशेष बनाना फिल्म की आत्मा को मजबूत करने जैसा था।”
उनका मानना है कि जब किरदार खुद में दमदार होते हैं तो कहानी बिना किसी बनावटीपन के दर्शकों को बांध लेती है। फिल्म के प्रमुख किरदार—निकिता रॉय, जॉली, अमरदेव और फ्रेया—इसका उदाहरण हैं।
न केवल एक थ्रिलर, बल्कि एक अनुभव
हालांकि ‘निकिता रॉय’ को एक थ्रिलर फिल्म के तौर पर प्रस्तुत किया गया है, लेकिन इसके पीछे की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक परतें दर्शकों को एक गहरी यात्रा पर ले जाएंगी। कुश का मानना है कि यह फिल्म पारंपरिक बॉलीवुड थ्रिलर से अलग है और दर्शकों के मन में लंबे समय तक असर छोड़ेगी।
सशक्त कलाकारों की टीम
फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा के साथ परेश रावल, अर्जुन रामपाल और सुहैल नायर जैसे अनुभवी और प्रतिभाशाली कलाकार भी हैं। यह कास्टिंग फिल्म की गंभीरता और स्तर को और ऊंचा करती है। जहां परेश रावल अपने विविध अभिनय के लिए जाने जाते हैं, वहीं अर्जुन रामपाल अपनी स्क्रीन पर मौजूदगी से फिल्म में गहराई लाते हैं।
भाई-बहन का नया पेशेवर रिश्ता
कुश और सोनाक्षी के रिश्ते को लेकर हमेशा उत्सुकता रही है, लेकिन इस फिल्म में पहली बार यह रिश्ता एक निर्देशक और अभिनेत्री के रूप में दिखेगा। कुश ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई ‘फैमिली फेवर’ नहीं है, बल्कि एक कलाकार को उसकी काबिलियत के आधार पर चुना गया है।
‘निकिता रॉय’ न केवल कुश सिन्हा की निर्देशन में पहली कोशिश है, बल्कि सोनाक्षी सिन्हा के लिए भी एक नए और चुनौतीपूर्ण किरदार की शुरुआत है। फिल्म की गहराई, पात्रों की जटिलता और स्क्रिप्ट की मजबूती इसे एक आम थ्रिलर से ऊपर उठाकर एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनाने वाली है। अगर आप सोनाक्षी को एक नए अवतार में देखना चाहते हैं और थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं, तो 27 जून को ‘निकिता रॉय’ जरूर देखें।