
बॉलीवुड में एक बार फिर सेंसर बोर्ड की सख्ती देखने को मिली है। मोहित सूरी की आगामी रोमांटिक फिल्म सैयारा, जिसमें अहान पांडे और अनीत पड्डा मुख्य भूमिकाओं में हैं, अब सेंसर बोर्ड की कैंची की शिकार हो गई है। फिल्म को U/A 16+ सर्टिफिकेट के साथ पास किया गया है, लेकिन इसके कुछ अंतरंग दृश्यों पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति हुई है, जिसके चलते 10 सेकंड की 'सेन्सुअल बॉडी एक्सपोज़र' वाले विजुअल्स हटाने का आदेश दिया गया।
‘सैयारा’ की बोल्ड फीलिंग पर सेंसर की सेंसरशिप
यशराज फिल्म्स और मोहित सूरी के निर्देशन में बनी सैयारा को इसके टीज़र और म्यूजिक के चलते पहले से ही काफी लोकप्रियता मिल रही थी। मगर अब यह फिल्म अपने बोल्ड सीन्स के कारण भी सुर्खियों में है। सेंसर बोर्ड (CBFC) ने फिल्म के चार दृश्यों में आपत्तिजनक शब्दों को भी बदलवाया है, हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि वो शब्द कौन-से थे। सबसे उल्लेखनीय कट यह है कि करीब 10 सेकंड के अंतरंग, शारीरिक प्रदर्शन वाले सीन को पूरी तरह हटाने का निर्देश दिया गया।
सुपरमैन के बाद अब सैयारा की बारी
यह लगातार दूसरा हफ्ता है जब सेंसर बोर्ड ने किसी फिल्म के बोल्ड कंटेंट पर कैंची चलाई है। पिछले हफ्ते रिलीज हुई फिल्म सुपरमैन को भी U/A 13+ सर्टिफिकेट मिला था, लेकिन उसमें से 33 सेकंड के अंतरंग दृश्य हटाने पड़े थे। यह खबर वायरल हो गई थी और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी इसकी चर्चा हुई थी। अब सैयारा को लेकर भी कुछ ऐसा ही माहौल बन रहा है।
फिल्म की लंबाई और थिएटर बुकिंग्स
सेंसर प्रमाणपत्र के अनुसार फिल्म की कुल लंबाई 156.50 मिनट यानी 2 घंटे, 36 मिनट और 50 सेकंड है। फिल्म को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। रिलीज़ से पहले ही सैयारा ने नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन में 45,000 से अधिक टिकटें बेच डाली हैं—जिसमें PVR Inox में 33,500 और सिनेपोलिस में 11,500 टिकटें शामिल हैं। मूवीमैक्स में भी 2,000 से अधिक टिकटें बिक चुकी हैं।
सेंसरशिप पर दर्शकों की प्रतिक्रिया और सवाल
लगातार दूसरे हफ्ते फिल्मों के अंतरंग दृश्यों पर कैंची चलने से दर्शकों में असंतोष बढ़ रहा है। खासकर युवा वर्ग सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर सवाल उठा रहा है कि क्या भारतीय सेंसर बोर्ड अब भी पुराने मूल्यों से बंधा हुआ है और क्या आज के ज़माने में ऐसे दृश्यों पर रोक लगाना व्यावहारिक है? कई लोगों का मानना है कि जब एक फिल्म को उम्र सीमा के साथ पास किया जा रहा है, तो रचनात्मक स्वतंत्रता को क्यों रोका जा रहा है?
बॉलीवुड में रचनात्मक आज़ादी बनाम सेंसर की सख्ती
यह पूरा घटनाक्रम एक बार फिर उस बहस को हवा दे रहा है जिसमें रचनात्मकता और सेंसरशिप के बीच टकराव सामने आता है। सैयारा एक रोमांटिक फिल्म है और निर्देशक मोहित सूरी पहले भी ‘आशिकी 2’, ‘मर्डर 2’ जैसी फिल्मों में प्रेम और भावनाओं को गहराई से दिखा चुके हैं। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या सेंसर बोर्ड की यह दखलंदाजी एक सीमित सोच को दर्शाती है?
सैयारा अब सेंसर कट्स के साथ सिनेमाघरों में रिलीज़ के लिए तैयार है, लेकिन इस कटौती ने एक बार फिर रचनात्मक आज़ादी बनाम सेंसरशिप की बहस को गरमा दिया है। क्या दर्शक अब भी सेंसर बोर्ड की पुरानी सोच के अनुसार फिल्में देखेंगे या समय आ गया है कि फिल्म निर्माण को और अधिक स्वतंत्रता दी जाए?














