
शनि इस समय वक्री अवस्था में हैं और इसका प्रभाव विभिन्न राशियों पर भिन्न रूप में देखा जा रहा है। 13 जुलाई को शनि मीन राशि में वक्री हुए थे और यह स्थिति नवंबर तक बनी रहेगी। शनि को कर्म और न्याय का ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप फल देता है। आमतौर पर शनि एक राशि में करीब ढाई वर्ष तक रहते हैं। इस साल की शुरुआत में शनि मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं और अब नवंबर तक वक्री रहकर इसके बाद मार्गी होंगे।
वर्तमान में शनि की यह स्थिति कुछ राशियों के लिए बेहद अनुकूल साबित हो रही है। विशेष रूप से दो राशियाँ ऐसी हैं जिन्हें इस अवधि में शनि का भरपूर सकारात्मक प्रभाव मिलेगा। इनमें से एक है कुंभ राशि, जो इस समय शनि साढ़ेसाती के प्रभाव में है, लेकिन इसके बावजूद इसके जातकों के लिए यह समय शुभ संकेत दे रहा है।
मिथुन राशि: भाग्य और सम्मान दोनों साथ देंगे
मिथुन राशि के लिए शनि की वक्री चाल बहुत शुभ मानी जा रही है। इस राशि में इस समय गुरु और शुक्र का भी साथ मिल रहा है, जिससे ग्रहों की युति अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। शनि के मार्गी होते ही इस राशि के जातकों को आर्थिक क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति दिखाई दे सकती है। खासकर जो लोग शेयर बाजार, निवेश, या किसी नई आर्थिक योजना में सक्रिय हैं, उन्हें लाभ होने की प्रबल संभावना है।
रोजगार क्षेत्र में भी आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। नए आय स्रोत खुलेंगे और सामाजिक मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। यदि आपने हाल ही में कोई नया व्यापार प्रारंभ किया है, तो उसमें मुनाफे की संभावनाएं स्पष्ट रूप से बनती नजर आ रही हैं। कुल मिलाकर यह अवधि आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद फायदेमंद रहने वाली है।
कुंभ राशि: धैर्य से मिलेगा लाभ, परेशानियों से राहत
कुंभ राशि के लिए शनि की वक्री स्थिति लाभकारी तो है, लेकिन इसके साथ धैर्य भी आवश्यक है। नवंबर तक का यह समय जीवन के कई पहलुओं में सुधार लेकर आ सकता है। वैवाहिक जीवन से लेकर संतान संबंधी चिंताओं में भी धीरे-धीरे कमी आ सकती है। शनि की ऊर्जा उन क्षेत्रों में राहत प्रदान करेगी, जहां पिछले कुछ समय से समस्याएं बनी हुई थीं।
व्यवसाय में जिन रुकावटों का सामना आप कर रहे थे, उनमें भी समाधान के संकेत मिल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जिन लोगों को अब तक मनपसंद नौकरी नहीं मिल पा रही थी, उनके लिए यह समय अवसरों से भरा हुआ रहेगा। यदि आप धैर्य बनाए रखते हैं, तो यह समय आपको नई दिशा में ले जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।














