Shraddha Paksh 2021 : पितृ दोष से मुक्ति दिलाएंगे श्राद्ध पक्ष में किए गए ये उपाय
By: Ankur Mundra Tue, 21 Sept 2021 08:29:20
पितरों का आशीर्वाद जिस किसी को भी मिल जाता हैं उस व्यक्ति का जीवन सुख-समृद्धि के साथ व्यतीत होता हैं और जीवन में आने वाली परेशानियों का भी नाश हो जाता हैं। लेकिन जिस व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष उत्पन्न हो जाता हैं उसके सभी काम बिगड़ने लगते हैं। ऐसे में श्राद्ध पक्ष में कुछ उपायों को कर जीवन की समस्याओं का अंत किया जा सकता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको श्राद्ध पक्ष में किए जाने वाले उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
श्राद्ध पक्ष में पंचबली भोग लगाएं
श्राद्ध के दिन लोग घरों में भोजन बनाकर पितरों के नाम से ब्राह्माणों को खाना खिलाता हैं। मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही घर-परिवार पर पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है। मगर इस दौरान पंचबली भोग भी जरूर लगाना चाहिए। पंचबली भोग का अर्थ गाय, कौआ, कुत्ता, देव और चींटी को भोजन करवाने से होता है।
घर की इस दिशा में लगाएं पूर्वजों की तस्वीर
वास्तु अनुसार, पितरों की तस्वीर हमेशा घर की दक्षिण दिशा लगानी चाहिए। इसके साथ ही किसी शुभ पर जाने व घर लौटने के बाद हमेशा पूर्वजों का आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे कार्य जल्दी संपन्न होते हैं। इसके अलावा घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर रखना अशुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में इनकी तस्वीर को पूजा स्थल पर लगाने से बचें।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये काम
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें श्राद्ध को दौरान ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन करवाएं। साथ ही अपने सामर्थ्य अनुसार उन्हें कपड़े, दक्षिणा व अन्य जरूरत का सामान दान करें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि सारा भोजन व चीजों आपके पूर्वजों की पसंद की हो। साथ ही खाना आपने खुद अपने हाथों से बनाया हो। मान्यता है कि इससे पितर जल्दी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इससे घर में सुख-समद्धि का संचार होता है।
जीव-जंतुओं को खिलाएं रोटी
श्राद्ध के दिन कुत्ता, गाय, कौवा, चिड़ियां, चींटियों को रोटी खिलाना शुभ होता है। मान्यता है कि इससे पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही आशीर्वाद देते हैं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें।)
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