कुंडली में बनने वाले ये 5 योग लाते हैं मुसीबतें, जानें इन्हें दूर करने के उपाय

By: Ankur Sat, 01 May 2021 10:35:09

कुंडली में बनने वाले ये 5 योग लाते हैं मुसीबतें, जानें इन्हें दूर करने के उपाय

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का बहुत महत्व माना जाता हैं जिसमें ग्रहों की स्थिति का वर्णन होता हैं। ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन में आने वाले समय को निर्धारित करती हैं कि यह सुबह रहेगा या अशुभ। कुंडली में कई ऐसे योग बनते हैं जो मुसीबतों का कारण बनते हैं और जीवन में विपदाएं लेकर आते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुंडली में बनने वाले कुछ अशुभ योग की जानकारी और उसके उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आपको परेशानियों का सामना ना करना पड़े। तो आइये जानते हैं इन योग के बारे में।

केमद्रुम योग

जब कुंडली में चंद्रमा किसी भाव में अकेला बैठा हो, उसके आगे यानि दूसरे और पीछे यानि की बाहरवें स्थान पर कोई ग्रह न हो तो और न ही उस पर किसी ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो इसे केमद्रुम योग कहते हैं। यह योग व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बनता है। इस योग को दूर करने के लिए चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।

astrology tips,astrology tips in hindi,inauspicious yogas,kundli effects ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, कुंडली के अशुभ संकेत

ग्रहण योग

किसी भी भाव में चंद्रमा के साथ राहु-केतु बैठे हों तो यह स्थिति कुंडली में ग्रहण योग बनाती है। इस योग के कारण जीवन में अस्थिरता आ जाती है। व्यक्ति नौकरी-व्यापार में अस्थिरता के कारण परेशान रहता है। इस अशुभ योग के निवारण के लिए जातकों को चंद्र ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए।

अल्पायु योग

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा पापी या क्रूर ग्रहों के साथ त्रिक स्थान (छठे, आठवें, बारहवें भाव) पर बैठा हो तो यह स्थिति कुंडली में अल्पायु योग का निर्माण करती है। ऐसे जातक पर सदैव मृत्यु का संकट बना रहता है। इस दोष से बचने के लिए जातकों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

astrology tips,astrology tips in hindi,inauspicious yogas,kundli effects ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, कुंडली के अशुभ संकेत

चांडाल योग

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु बृहस्पति के साथ राहु बैठा हो तो, दोनों की युति से कुंडली में चांडाल योग बनता है। चांडाल योग से व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके प्रभाव से ऋण में बढ़ोतरी होती है। इस योग की शांति के लिए गुरु बृहस्पति की शांति के उपाय करने चाहिए। गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान करना इस योग का एक निवारण है।

षड्यंत्र योग

लग्न भाव का स्वामी (लग्नेश) अगर अष्टम भाव में बिना किसी शुभ ग्रह के हो तो कुंडली में षड्यंत्र योग का निर्माण होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है उसकी धन-संपत्ति नष्ट होने की आशंका रहती है। इस योग के चलते कोई विपरीत लिंग का जातक इन्हें भारी मुसीबत में डाल सकता है। इस योग से बचने के लिए भगवान शिव की आराधना करें।

ये भी पढ़े :

# हथेली के ये निशान बनाते हैं व्यक्ति को भाग्यशाली, होता हैं धन-संपदा का आगमन

# गालों का रंग देखकर पहचाने व्यक्ति का स्वभाव, इस तरह लगाएं पता

# नहाने से पहले इन उपायों को कर पाएं नवग्रह की कृपा, जीवन में होगा खुशियों का आगमन

# राशि के अनुसार करें चैत्र पूर्णिमा पर ये दान, सुख-समृद्धि के साथ होगा खुशियों का आगमन

# दान करें लेकिन इन 5 चीजों का नहीं, जीवन में होगा दुर्भाग्य का आगमन

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com