Makar Sankranti 2022 : ग्रहदोषों से मुक्ति पाने के लिए करें इन चीजों का दान
By: Ankur Mundra Fri, 14 Jan 2022 08:34:49
आज मकर संक्रांति का महापर्व हैं जिसे हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता हैं। इस दिन सूर्यदेव का अपने पुत्र शनिदेव की मकर राशि में प्रवेश होता हैं जिसका असर सभी राशियों पर भी पड़ता है। जातकों की कुंडली में ग्रहों का विशेष महत्व होता हैं जिनके दोषों को भी सक्रांति पर दान कर दूर किया जा सकता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं उन चीजों के दान के बारे में जो कुंडली में ग्रहों को मजबूती देते हुए ग्रहदोषों से मुक्ति दिलाएंगे। मकर संक्रांति के पावन पर्व इन चीजों का दान करने से आपके घर में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का आगमन होता हैं। तो आइये जानते हैं दान से जुड़ी जानकारी।
सूर्यदोष से मुक्ति पाने के लिए
सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसे में उनकी कृपा व सूर्यदोष से मुक्ति पाने के लिए मकर संक्रांति के दिन लाल चन्दन, घी, आटा, गुड़, काली मिर्च आदि का दान करें।
चंद्रदोष से मुक्ति पाने के लिए
कुंडली में चंद्र की मजबूती के लिए चावल के साथ, कपूर, घी, दूध, दही, सपेद चन्दन आदि सफेद चीजों का दान करें।
मंगलदोष से मुक्ति पाने के लिए
अगर आपका मंगल कमजोर हैं तो इसकी मजबूती के लिए मकर संक्रांति के शुभ दिन पर गुड़, शहद, लाल चन्दन, मसूर दाल आदि का दान करें।
बुधदोष से मुक्ति पाने के लिए
बुधदोष से पीड़ित लोग मकर संक्रांति के पावन दिन पर चावल के साथ धनिया, मिश्री, सूखा तुलसी पत्ता, मिठाई, मूंग, शहद आदि का दान जरूर करें।
बृहस्पतिदोष से मुक्ति पाने के लिए
कुंडली में बृहस्पतिदोष हैं तो इससे मुक्ति पाने के लिए मकर संक्रांति के पर्व पर शहद, हल्दी, दाल, रसदार फल, केला आदि का दान जरूर करें।
शुक्रदोष से मुक्ति पाने के लिए
शुक्र को सुख-सौभाग्य व वैभव का ग्रह माना जाता है। ऐसे में इस दोष से मुक्ति पाने के लिए मकर संक्रांति के दिन मिश्री, सफेद तिल, जौ, चावल, आलू, इत्र आदि का दान करें।
शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए
धार्मिक मान्यताओं अनुसार, मकर संक्रांति के महापर्व पर न्याय के देवता शनिदेव अपने पिता भगवान सूर्यदेव को मिलने आते हैं। ऐसे में इस दिन सूर्य देव के साथ शनिदेव की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। ऐसे में आप शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए मकर संक्रांति के शुभ पर्व पर काले-सफेद तिल, अदरक, सरसों तेल आदि का दान करें।