एक अनोखा रेलवे स्टेशन जिसे चलाने की जिम्मेदारी बच्चों पर, इनके काम जानकर रह जाएंगे हैरान

By: Ankur Wed, 11 Sept 2019 1:00:40

एक अनोखा रेलवे स्टेशन जिसे चलाने की जिम्मेदारी बच्चों पर, इनके काम जानकर रह जाएंगे हैरान

देश-विदेश में यातायात का सबसे बड़ा जरिया ट्रेन हैं जिसकी मदद से लाखों लोग अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचते हैं। ऐसे में ट्रेन की सभी व्यवस्थाओं को संभालने और सही संचालन करने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती हैं जो कि अनुभवी लोगों को दी जाती है। लेकिन आज हम आपको एक अनोखे रेलवे स्टेशन की जानकारी देने जा रहे हैं जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से स्कूली बच्चों के हाथ में हैं। हम बात कर रहे हैं यूरोप के देश हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के ऊपरी हरी पहाड़ियों के जंगलों में स्थित एक रेलवे स्टेशन की। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

weird railway station,children railway station,railway station of budapest,hungary ,अनोखा रेलवे स्टेशन, बच्चों का रेलवे स्टेशन, बुडापेस्ट का रेलवे स्टेशन, यूरोप, हंगरी

इस रेलवे स्टेशन पर सिग्नल गार्ड, रेलवे टिकट कार्यालय, डीजल इंजन, और समय सारिणी है, जो कि पूरी तरह से बच्चे ही संभालते हैं। हाल ही में इस रेलवे स्टेशन की 70वीं वर्षगांठ पर यंगस्टर ऑफ गिएर्मेक्वास कार्यक्रम के दौरान बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में एक रेलवे स्टेशन के कर्मचारी के तौर पर नजर आए। कोई टिकट बेचता हुआ तो कोई उसे चेक करता हुआ नजर आया। बच्चों को यह सबकुछ करने में बहुत मजा आता है। ये ट्राम लाइन दुनिया की सबसे तेज़ और पुरानी ट्राम लाइन है। ये लाइन पूरी तरह से बच्चों के कंट्रोल में है जो इसे ख़ास बनती हैं। ये स्कूली बच्चे ही इसे चलाते हैं।

weird railway station,children railway station,railway station of budapest,hungary ,अनोखा रेलवे स्टेशन, बच्चों का रेलवे स्टेशन, बुडापेस्ट का रेलवे स्टेशन, यूरोप, हंगरी

आपको बता दें कि ये ट्रेन साम्यवाद के दिनों की याद दिलाती है। जब हंगरी, सोवियत संघ का एक उपग्रह राज्य हुआ करता था। उस दौरान बच्चों को एक साथ काम करने और जिम्मेदारी सिखाने के लिए पायनियर रेलवे की शुरुआत की गई थी। उस वक्त नाबालिगों ने व्यस्कों की अंतर्गत रेलवे में काम करना शुरू कर दिया था।

यही कारण है कि रेलवे स्टेशन को आज भी उसी तरह से संचालित किया जाता है। हालांकि इसमें थोड़ा बहुत अंतर भी है। क्योंकि कम्युनिस्ट सिद्धांत के बिना ये रेलवे खुद को गाइर्मेक्वास या चिल्ड्रन्स रेलवे के रूप में आगे बढ़ा रहा है। यहां के स्थानीय बच्चों को लगभग 15 दिनों में एक दिन रेलवे में काम करना पड़ता है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com