यहां मोटा होना शर्म नहीं गर्व माना जाता है, समझा जाता है उनको हीरो

By: Ankur Mundra Sun, 20 May 2018 1:43:54

यहां मोटा होना शर्म नहीं गर्व माना जाता है, समझा जाता है उनको हीरो

वर्तमान समय की जीवनशैली में मोटे लोगों को इस तरह देखा जाता है जैसे उन्होंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया हो। और हर कोई मोटे लोगों को देखकर ज्ञान देना शुरू कर देते हैं कि क्यों और किस तरह से वजन घटाया जाए। लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां मोटा होना कोई शर्म की नहीं बल्कि गर्व की बात मानी जाती हैं और मोटे लोगों को हीरो समझा जाता हैं। अब ऐसा क्यों होता है आइये जानते हैं उसके बारे में।

दक्षिण पश्चिमी इथोपिया की ओमो वैली में एक जनजाति रहती है। इन्हें बोदी जनजाति के रूप में जाना जाता है। यहां जो सबसे मोटा शख्स होता है, उसके साथ जिंदगी भर हीरो जैसा सलूक किया जाता है। बिरादरी में सबसे मोटा शख्स खोजने के लिए हर साल एक खास समारोह भी होता है। इसके लिए ये लोग छह महीने तक गाय के दूध और रक्त का मिश्रण पीते हैं।

हर साल जून महीने में ये लोग काएल नाम का समारोह मनाते हैं। इसमें बिरादरी से सबसे मोटा शख्स तलाशा जाता है, जिसके लिए समारोह के छह महीने पहले प्रतियोगिता शुरू होती है। हर परिवार से एक अविवाहित मर्द को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति होती है। अगर वह इसके लिए चुना जाता है, तो उसे छह महीने तक घर से दूर एकांत में रहना पड़ता है। यहां तक कि उस समय के लिए उसे सेक्स से भी दूरी बना कर रखनी होती है।

चूंकि मर्दों को वजन बढ़ाना होता है, इसलिए उन्हें गाय का दूध और रक्त का मिश्रण ही खाने के रूप में मिलता है। यह उनके परिवार की महिलाएं गांव से लाकर देती हैं। यह जनजाति गाय को पवित्र मानती है, इसलिए यह उनका वध नहीं करती। ये भाले या कुल्हाड़ी से गाय की नस में छेदकर रक्त निकालते हैं।

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