कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दुनिया पर तीसरे विश्‍वयुद्ध का साया, खाड़ी देशों में 3000 सैनिक भेज रहा US

By: Pinki Sat, 04 Jan 2020 08:54:02

कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दुनिया पर तीसरे विश्‍वयुद्ध का साया, खाड़ी देशों में 3000 सैनिक भेज रहा US

ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर नेता जनरल कासिम सुलेमानी के बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद विश्‍व की 13वीं सबसे बड़ी सैन्‍य शक्ति ईरान और सुपर पावर अमेरिका के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है और दुनिया के तीसरे विश्‍वयुद्ध की ओर बढ़ने की आशंका लगाई जाने लगी है।

ईरान ने कहा है कि वो अपने कमांडर की मौत का बदला अमेरिका से लेकर रहेगा। अमेरिका इन खतरों को भांपकर खाड़ी देशों में 3 हजार अतिरिक्‍त सैनिक भेज रहा है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक अमेरिका के रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि जिन 3000 सैनिकों को गल्फ भेजा जा रहा है वे 82वें एयरबॉर्न डिविजन के हैं और नॉर्थ कैरोलिना स्थित फोर्ट ब्रेग से ताल्लुक रखते हैं। अमेरिका खाड़ी देशों में अपनी किलेबंदी करने में जुटा है।

ईरान के साथ युद्ध शुरू नहीं करना चाहते : ट्रंप

उधर, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप ने कहा है कि उनका देश ईरान के साथ युद्ध शुरू नहीं करना चाहता है लेकिन अगर इस्‍लामिक देश ने कोई जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अधिकारियों के अनुसार 3000 सैनिकों का ये दस्ता 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन करीब 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे जिन्हें ईरान समर्थित मिलिशिया के लोगों और उनके समर्थकों द्वारा बगदाग में अमेरिकी दूतावास पर हमला करने के बाद इस सप्ताह के प्रारंभ में कुवैत में तैनात किया गया था। इस सप्ताह सैनिकों की तैनाती से पहले ट्रंप प्रशासन ने मई से 14000 अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजा है। यही नहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन, सऊदी अरब समेत कई देशों के नेताओं के साथ बातचीत की है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख से भी फोन पर बातकर अपना पक्ष रखा है।

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कासिम सुलेमानी का 'खात्मा' इसलिए किया गया क्योंकि वो अमेरिकी डिप्लोमैट्स पर हमला करने ही वाला था। हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान की मौजूदा सरकार को गिराना नहीं चाहता है। ट्रंप ने फ्लोरिडा में कहा कि सुलेमानी अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य अधिकारियों पर हमला करने ही जा रहा था, लेकिन हमने उसे बीच में ही पकड़ लिया और उसका खात्मा कर दिया।

हालांकि ट्रंप ने टकराव की संभावनाओं को मौजूदा वक्त के लिए खारिज करते हुए कहा कि वे ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली रात को हमारे द्वारा लिया गया एक्शन युद्ध को रोकने के लिए उठाया गया था, हमने युद्ध शुरू करने के लिए एक्शन नहीं लिया। हम ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते हैं। हालांकि अमेरिका के इन तर्कों से ईरान जरा भी संतुष्ट नहीं दिखता है।

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हम लेंगे हत्‍या का बदला: ईरान

कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की हमले में मौत से भड़के ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खुमैनी ने बदला लेने का संकल्प लिया है। तेहरान स्थित प्रेस टीवी के मुताबिक खुमैनी ने कहा कि धरती के सबसे क्रूर लोगों ने' सम्मानीय कमांडर की हत्या की, जिन्होंने दुनिया की बुराइयों और डकैतों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी।

उन्होंने कहा कि उनकी मौत से उनका मिशन नहीं रुकेगा, लेकिन जिन अपराधियों ने गुरुवार रात जनरल सुलेमानी और अन्य शहीदों के खून से अपने हाथ रंगे हैं, उन्हें जरूर एक जबरदस्त बदले की, अंजाम भुगतने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

आपको बता दे, सुलेमानी की मौत के बाद ईरान में तीन दिन का राष्‍ट्रीय शोक घोषित किया गया है और उन्‍हें एक राष्‍ट्रीय हीरो का दर्जा दिया गया है। पूरे ईरान में कई जगह पर प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका से बदला लेने की मांग की है।

पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को देखते हुए सोशल मीडिया से लेकर राजनयिक हलके तक में तीसरे विश्‍वयुद्ध के शुरुआत की अटकलें तेज हो गई हैं। सोशल मीडिया पर तीसरा विश्‍वयुद्ध ट्रेंड कर रहा है। माना जा रहा है कि ईरान जवाबी कार्रवाई में पश्चिम एशिया में स्थित अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों और अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना सकता है। यही नहीं आशंका यह भी जताई जा रही है कि ईरान अमेरिका के सहयोगी इजरायल के सुरक्षाकर्मियों, होरमुज की खाड़ी में तेल टैंकरों और सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले कर सकता है। उसके इस कदम में हिज्‍बुल्‍ला, हूती विद्रोही और सीरिया के राष्‍ट्रपति बशर अल असद मदद कर सकते हैं।

ईरानी सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद भारत ने कहा कि मध्य पूर्व की स्थिति आगे और नहीं बिगड़नी चाहिए। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि तनाव में वृद्धि ने दुनिया को सशंकित किया है। इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि स्थिति आगे बिगड़े नहीं। भारत ने लगातार संयम बनाए रखने का समर्थन किया है और ऐसा करना जारी रखेगा।

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