आम्रपाली ग्रुप पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट! सीएमडी अनिल शर्मा समेत 3 डायरेक्टर गिरफ्तार
By: Priyanka Maheshwari Tue, 09 Oct 2018 4:51:27
देश की सर्वोच्च अदालत ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए आम्रपाली बिल्डर्स के तीन डायरेक्टर को हिरासत में लेने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लुका-छिपा का खेल न खेलने की नसीहत देते हुए आम्रपाली के तीन निदेशकों अनिल शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस बुलाकर कस्टडी में भेज दिया। कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ने अपनी 46 कंपनियों के बैंक खातों का ब्योरा नहीं दिया। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताते हुए अदालत से ही तीनों को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया। आदेश पाकर नोएडा सेक्टर-39 पुलिस सुप्रीम कोर्ट के लिए रवाना हुई और तीनों निदेशकों को हिरासत में ले लिया आपको बता दें कि आम्रपाली ग्रुप के अधूरे आवासीय प्रोजेक्ट और आदेशों की नाफरमानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने और सख्त रुख अपनाया है।
क्या है मामला
आम्रपाली ग्रुप के अधूरे आवासीय प्रोजेक्ट और आदेशों की नाफरमानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने और सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे साथ ‘ हाइड एंड सीक’ ना खेले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा बिल्डर जानबूझकर आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। ये पूरी तरह कोर्ट की गरिमा के साथ खिलवाड़ है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि 2015 के बाद अब तक आम्रपाली की 46 कम्पनियों के सभी खातों की डिटेल कोर्ट को क्यों नहीं सौंपी गई। 10 दिन के सभी एकाउंट की बैलेंस शीट सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने फोरसिक ऑडिटर को निर्देश था दिया कि वो 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि कितनी रकम का कैसे गबन हुआ है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ग्रुप की 16 संपत्ति नीलाम होगी, जबकि सभी 46 कंपनियों और उनके सभी निदेशकों की सम्पति का फोरेंसिक ऑडिट होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को चार दिनों में अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा हलफनामे में देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अनिल शर्मा से ये भी पूछा था 2014 में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में 867 करोड़ की बताई गई, सम्पत्ति 2018 में 67 करोड़ कैसे हो गई? कोर्ट से जानकारी क्यों छिपाई?'