मुंबई : आरे में पेड़ कटने के खिलाफ जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंची, आज स्पेशल बेंच करेगी सुनवाई

By: Pinki Mon, 07 Oct 2019 05:12:27

मुंबई : आरे में पेड़ कटने के खिलाफ जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंची, आज स्पेशल बेंच करेगी सुनवाई

मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच सोमवार को यानि आज सुबह 10 बजे सुनवाई करेगी। छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरे में पेड़ों के काटे जाने के खिलाफ रविवार को याचिका दायर की थी। यह याचिका लॉ स्टूडेंट रिशव के जरिए दायर की गई है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि 6 अक्टूबर, 2019 को पत्र के आधार पर कल यानी 7 अक्टूबर, 2019 को सुबह 10 बजे एक विशेष पीठ का गठन किया गया है।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मामले में तुरंत सुनवाई करनी चाहिए और पेड़ों के काटने पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने ने भी कहा कि पेड़ों को काटने से रोकने की लड़ाई में अभी हार नहीं हुई है। इस पूरे मामले पर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के बयान को भी याचिका में दिखावा करार दिया है। छात्रों ने सीजेआई को लिखे पत्र में अर्जेंट पिटीशन पर सुनवाई की गुहार लगाते हुए कहा है कि 4 अक्टूबर से गैरकानूनी तरीके से पेड़ों का काटा जा रहा है। शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने वालों को हिरासत में ले लिया गया है। वे आज तक ऐसा कर रहे हैं। दरअसल, चीफ जस्टिस की कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले छात्रों के प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि इस मामले में अपील करने के लिए समय नहीं है। लिहाजा चीफ जस्टिस से गुहार लगाई गई है।

सीजेआई को लिखे पत्र में यह दावा भी किया गया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने और आरे को इकोलॉजिकली सेंसिटिव जोन घोषित करने संबंधी याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने न्यायपालिका की सीमाओं का उल्लेख करते हुए इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी थी।

मुंबई पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा

पत्र में दावा किया गया है कि आरे में वह सबकुछ है, जो जंगल के लिए जरूरी होता है। मुंबई मेट्रो के शेड निर्माण के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है। छात्रों का दावा है कि उन्होंने कई जगहों पर इस आदेश को चुनौती दी और परियोजना के लिए अन्य स्थान भी सुझाए। इसमें दावा किया गया है कि शेड निर्माण के लिए प्रस्तावित मीठी नदी के किनारे आरे के 33 हेक्टेयर भूभाग में 3500 से अधिक पेड़ हैं। इनमें से 2238 पेड़ काटने का प्रस्ताव है। ऐसा हुआ तो मुंबई पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।

बगैर FIR हिरासत में रखने पर उठाए सवाल

मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में एक छात्रा श्रुति नैयर के संदेश का उल्लेख करते हुए बगैर एफआईआर दर्ज किए 24 घंटे से अधिक समय से पुलिस हिरासत में थाने पर रखने पर भी सवाल उठाए गए हैं। श्रुति ने पुलिस द्वारा धमकाने के लिए हर हथकंडे के उपयोग का आरोप लगाया है। पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए श्रुति ने पुरुष पुलिसकर्मियों पर प्राइवेट पार्ट टच करने का भी आरोप लगाया है। श्रुति ने कहा है कि हमने न तो पुलिस पर हमला किया और न ही किसी तरह की हिंसा, लेकिन हमें पुरुष पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती वाहनों में ठूंसा और प्राइवेट पार्ट भी टच किए।

छात्रों ने की शीघ्र सुनवाई की अपील

छात्रों ने सीजेआई से इस पत्र को पिटीशन के रूप में स्वीकार करते हुए पर्यावरण से जुड़े संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र सुनवाई की अपील की है। छात्रों ने प्रॉपर अपील पिटीशन दाखिल करने के लिए समयाभाव का भी उल्लेख किया है।

क्या कहना है लोगों का?

ऋषिकेश पाटिल ने कहा कि हमें शुक्रवार रात लगभग 8।30 बजे पता चला कि पेड़ काटे जा रहे हैं। हमने विरोध जताया और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने हमें हिरासत में लेना शुरू कर दिया। महिला प्रदर्शनकारियों के साथ भी पुलिस का रवैया अच्छा नहीं रहा। क्योंकि हम केवल नारेबाजी कर रहे थे। हम हिंसक हो गए, ये बयान पुलिस का गलत है। हम केवल विरोध कर रहे थे जो हमारा अधिकार है।
क्या कहना है पुलिस का?

वही इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी का कहना है कि इलाके में कई पेड़ काटे जा चुके हैं और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जब तक पेड़ों की कटाई पूरी नहीं होती इलाके में धारा 144 लागू रहेगी। अधिकारी ने कहा, 'आरे कॉलोनी में प्रवेश के लिये इस्तेमाल होने वाले पांच मुख्य प्रवेश केन्द्रों की पहचान की गई है, जिसमें वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे, मेरोल पुलिस प्रशिक्षण शिविर केन्द्र और मुलुंद की ओर से आ रहा एक रास्ता शामिल है।' इन रास्तों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

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