सदन में सीट बदले जाने पर संजय राउत ने कहा - दिल्ली किसी के बाप की नहीं, बड़े-बड़े आए और चले गए
By: Pinki Mon, 18 Nov 2019 08:31:59
महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर चल रही बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही खींचतान के बीच एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा हो चुकी है हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। हमें 170 विधायकों का समर्थन हासिल होगा और हमारी सरकार पांच साल चलेगी और सीएम शिवसेना का ही होगा। कल शरद पवार साहब सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। हम अभी बात कर रहे हैं और एक-दूसरे से सभी मुद्दों पर चर्चा चल रही है। कोई बीजेपी के साथ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा किमहाराष्ट्र में दिसंबर तक सरकार बन जाएगी। उन्होंने कहा शरद पवार अनुभवी हैं, वो सरकार चाहते हैं। इसलिए उनका अनुभव काम आएगा। शरद पवार को लेकर हमारे मन को कोई संशय नहीं हैं। एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर हम अगले पांच साल तक सरकार चलाएंगे।
शिवसेना सांसद ने यह भी कहा कि बीजेपी ने हमें धोखा दिया है। जो सबके सामने कहा था अब उस से मुकर गए हैं। महाराष्ट्र में अब नेता तो क्या जनता भी बीजेपी के साथ नहीं है और सदन में हमारी सीट बदल दी गई। कोई बात नहीं। लेकिन इतना समझ लेना चाहिए दिल्ली किसी के बाप की नहीं हैं। बड़े-बड़े आए और चले गए।
हम एनडीए के संस्थापक
संजय राउत ने कहा हम एनडीए के संस्थापक हैं कि वो (बीजेपी) के मालिक हैं। हमको एनडीए से निकाल दिया। हम तो एनडीए के फाउंडर हैं। एनडीए में स्पेशल बैठक बुलाकर चर्चा कीजिए कि किसने धोखा किया। हम आमने-सामने चर्चा को तैयार हैं। एनडीए से निकालने की बात किस आधार पर करते हो? जब जम्मू-कश्मीर में देशद्रोही पार्टी पीडीपी से निकाह किया था, जब उसे एनडीए में लाए थे तब किस से पूछा था? उसके बाद पीडीपी से तलाक़ कर लिया। उन्होंने कहा जब छोड़ चले गए तो एनडीए में सिर्फ हम और अकाली बचे थे। हम एनडीए के संस्थापक सदस्य हैं। शिवसेना को बाहर करने के लिए एनडीए में किसी से पूछा? कोई बताए। एनडीए का अध्यक्ष या संयोजक कौन है? कौन एनडीए की बैठक बुलाता है?
सब सत्ता के लिए एनडीए में आए
संजय राउत ने कहा कि सबसे पहले गोधरा कांड के बाद पीएम मोदी पर सवाल उठा कर रामविलास पासवान एनडीए से बाहर गए थे। नीतीश कुमार किस पर सवाल पर उठा कर बाहर गए थे? अब सत्ता के लिए एनडीए में आ गए हैं। आज अकाली दल के अलावा जो भी दल हैं वो सत्ता के लिए साथ आए हैं, वो सत्ता के लिए एनडीए और यूपीए से अंदर और बाहर होते रहते हैं।