सामने आया रूसी कोरोना वैक्सीन का चौकाने वाला सच, सिर्फ 38 लोगों पर हुआ टेस्ट, दिखे कई साइड इफेक्ट्स

By: Pinki Wed, 12 Aug 2020 6:20:56

सामने आया रूसी कोरोना वैक्सीन का चौकाने वाला सच, सिर्फ 38 लोगों पर हुआ टेस्ट, दिखे कई  साइड इफेक्ट्स

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को दावा किया कि उनके यहां दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन तैयार हो गई है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी भी मिल गई है। पुतिन ने ये भी बताया है कि उन्होंने अपनी बेटी को ये वैक्सीन दी है। उन्हें दो डोज दिए गए। डोज देने के बाद शरीर के तापमान में बदलाव रिकॉर्ड किया गया। पुतिन के मुताबिक, पहली डोज देने पर उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री था। वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई तो तापमान 1 डिग्री गिरकर 37 डिग्री हो गया। लेकिन कुछ समय बाद दोबारा तापमान बढ़ा, जो धीरे-धीरे सामान्य हो गया। हालाकि, इस वैक्सीन के सफल होने का रूस दावा कर रहा है उसका बेहद ही चौकाने वाली बात सामने आई है। रूस के आधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से डेली मेल की रिपोर्ट में में खुलासा किया है कि इस वैक्सीन की जांच सिर्फ 38 लोगों पर की गई थी। वहीं, वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट्स की जानकारी भी सामने आई है।

Fontanka न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूस की कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट के तौर पर दर्द, स्वेलिंग, हाई फीवर की तकलीफ देखने को मिली है। वहीं, कमजोरी महसूस करना, एनर्जी की कमी, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, डायरिया, नाक बंद होना, गला खराब होना और नाक बहने जैसी शिकायतें भी रिपोर्ट की गई हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी अधिकारियों ने सिर्फ 42 दिन के रिसर्च के बाद वैक्सीन को मंजूरी दे दी। इसी वजह से यह पता नहीं चल सका है कि वैक्सीन कितनी अधिक प्रभावी है।

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वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए जो कागजात दिए गए थे, उनमें लिखा था कि महामारी पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर कोई भी क्लिनिकल स्टडी नहीं हुई है। हालांकि, पुतिन ने कहा था कि वैक्सीन सभी जरूरी टेस्ट में पास हो गई है। रूस ने अपनी कोरोना वैक्सीन का नाम Sputnik V रखा है और कई देशों में सप्लाई की तैयार भी कर रहा है। हालांकि, दुनियाभर के कई वैज्ञानिकों ने रूस के कदम की कड़ी आलोचना की है। वैज्ञानिकों को डर है कि वैक्सीन गलत या खतरनाक साबित होने पर महामारी और विकराल रूप ले सकती है।

पुतिन ने कहा था कि वैक्सीन लगाने के बाद उनकी बेटी को सिर्फ कुछ देर के लिए बुखार हुआ, लेकिन Fontanka न्यूज एजेंसी का कहना है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट के तौर पर कई तरह की दिक्कतें होती हैं। ये दिक्कतें व्यक्ति के शरीर में दोहराती भी हैं और कई बार लंबे समय तक रहती हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन के ज्यादातर साइड इफेक्ट खुद से ठीक हो गए, लेकिन स्टडी के 42वें दिन भी साइड इफेक्ट की 31 घटनाएं जारी थीं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वैक्सीन लगाए जाने के 42वें दिन वॉलेंटियर्स के शरीर में एंटीबॉडीज की मात्रा औसत स्तर से कम ही थीं।

इन लोगों को नहीं लगेगी वैक्सीन

वहीं, 18 साल से कम उम्र और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी रूसी वैक्सीन लगाने की इजाजत नहीं दी गई है। क्योंकि ऐसे लोगों पर क्या असर होगा, इसकी जानकारी नहीं है। प्रेग्नेंट और बच्चों को स्तनपान कराने वालीं महिलाओं को भी वैक्सीन नहीं दी जाएगी। पहले से गंभीर बीमारी का सामना कर रहे लोगों को भी अतिरिक्त सतर्कता के साथ वैक्सीन लगाने की बात कही गई है।

भारत में हो सकता है तीसरे चरण का ट्रायल

रूसी वेबसाइट के मुताबिक, 2020 के अंत तक वैक्सीन के 20 करोड़ डोज तैयार किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इनमें से 3 करोड़ डोज रूस अपने लिए रखेगा। वैक्सीन का उत्पादन सितम्बर में शुरू होगा। रूस तीसरे चरण का ट्रायल कई देशों में करने की योजना बना रहा है, इसमें सऊदी अरब, ब्राजील, भारत और फिलीपींस शामिल हैं।

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