ब्याज दरों में एक बार फिर से हो सकती है कटौती, RBI गवर्नर आज 10 बजे करेंगे अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस

By: Pinki Fri, 09 Oct 2020 08:58:26

ब्याज दरों में एक बार फिर से हो सकती है कटौती, RBI गवर्नर आज 10 बजे करेंगे अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस

एमपीसी की तीन दिन से जारी बैठक के नतीजे आज सुबह 10 बजे जारी होंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) इसकी जानकारी देंगे। माना जा रहा है कि ब्याज दरों में एक बार फिर से कटौती हो सकती है। उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई 9 अक्टूबर को 0.25% रेपो दर में कटौती का ऐलान कर सकता है। दरअसल, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था में सुधार लाना भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। संभव है कि वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए क्या गैर परंपरागत कदम उठाये जा सकते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो फरवरी से रेपो दर में आरबीआई ने 1.15% की कटौती की जा चुकी है।

केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सितंबर में कहा था कि जरूरत के हिसाब से मौद्रिक नीतियों में बदलाव हो सकते हैं और ब्याज दरों में भी कटौती की गुंजाइश बनी हुई है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा था कि आरबीआई को ब्याज दरें घटाने का सिलसिला जारी रखना चाहिए। बैंकर्स का कहना है कि महंगाई के दबाव में रेपो घटाना संभव नहीं लग रहा है।वहीं अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश कम है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि पहली तिमाही में जीडीपी रिकॉर्ड निचले स्तर तक जाने के बाद होने वाली यह पहली बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बता दे, इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया था। यह 4% पर बरकरार है और रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को भी 3.35% पर स्थिर रखा गया है।

अगर इस बैठक में रेपो रेट कम की जाती है, तो ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी को 31 मार्च 2021 तक वार्षिक महंगाई दर को 4% पर रखने का काम दिया गया है। यह अधिक से अधिक 6% तक और कम से कम 2% तक जा सकती है।

RBI Monetary Policy Committee (MPC) के नए मेंबर्स -

जयंत आर वर्मा

वर्मा इंडीयन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं।

शशांक भिडे

भिडे नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार हैं। शशांक ने कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। वह बैंगलुरु में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं।

अशीमा गोयल

इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर हैं। गोयल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अर्थव्यवस्था पर 100 से अधिक लेख छपे हैं। उन्होंने मैक्रोइकोनॉमिक्स और मार्केट्स इन डेवलपिंग एंड इमर्जिंग इकोनॉमीज और भारतीय अर्थव्यवस्था की एक संक्षिप्त पुस्तिका सहित कई पुस्तकों का लेखन और संपादन भी किया है।

बता दे, एमपीसी की बैठक हर दो महीने में होती है। MPC रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट जैसे गंभीर मुद्दों पर फैसला लेती है। रिजर्व बैंक की एमपीसी में छह सदस्य होते हैं। इन छह सदस्यों में रिजर्व बैंक का गवर्नर भी शामिल होता है। आरबीआई एक्ट के अनुसार, एमपीसी में बाहरी सदस्यों का कार्यकाल चार साल का होता है। एमपीसी अक्तूबर 2016 में बनी थी।

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