पाक का नया तमाशा: भारतीय विदेश मंत्री के रहते SAARC बैठक में नहीं पहुंचे शाह महमूद कुरैशी

By: Pinki Fri, 27 Sept 2019 08:54:51

पाक का नया तमाशा: भारतीय विदेश मंत्री के रहते SAARC बैठक में नहीं पहुंचे शाह महमूद कुरैशी

पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) SAARC के विदेश मंत्रियों की बैठक में गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) के संबोधन के दौरान शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि उनका देश भारत के साथ तब तक कोई सम्पर्क नहीं करेगा जब तक कि वह कश्मीर में पाबंदी समाप्त नहीं करता। यह बैठक कुरैशी की अनुपस्थिति में शुरू हुई।

एस जयशंकर इस मीटिंग को संबोधित कर रहे थे, लेकिन पाकिस्तान इस बैठक में जयशंकर के भाषण के बाद शामिल हुआ। एस जयशंकर ने बैठक में कहा कि आतंकवाद का हर रूप में सफाया करना ना सिर्फ दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच सार्थक सहयोग के लिए बल्कि क्षेत्र के अपने अस्तित्व के लिए भी पूर्व शर्त है। उन्होंने कहा कि सार्क वास्तव में सिर्फ चूके हुए अवसरों की नहीं बल्कि जानबूझकर बाधाओं में फंसने की कहानी भी है। आतंकवाद उनमें से एक है। कुरैशी जयशंकर के संबोधन के बाद ही वहां पहुंचे। बैठक के लिए देर से आने के बारे में पूछे जाने पर, कुरैशी ने कहा कि वह कश्मीर पर विरोध स्वरूप भारतीय मंत्री के साथ नहीं बैठना चाहते हैं।

जयशंकर ने बुधवार को हुई बैठक के संबंध में ट्वीट किया कि प्रमुख साझेदारों- जीसीसी के महासचिव अब्दुल्लतीफ बिन अब्दुल्ला अज जायानी, ओमान के विदेश मंत्री यूसुफ बिन अलावी बिन अब्दुल्ला और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश राज्यमंत्री अनवर मोहम्मद गर्गश के साथ बैठक की। संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए काफी सार्थक बैठक हुई। बैठक में हिस्सा लेने वालों में कुवैत के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख सबाह खालिद अल-हमाद अल सबाह, जीसीसी के महासचिव अब्दुल्लतीफ बिन राशिद अल-जायानी, ओमान के विदेश मंत्री यूसुफ बिन अलावी बिन अब्दुल्ला और यूएई के विदेश राज्यमंत्री अनवर मोहम्मद गर्गश थे। बैठक में जीसीसी के सदस्य देशों तथा भारत के दोस्ताना रिश्तों की समीक्षा की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता ओमान के विदेश मंत्री यूसुफ बिन अलावी बिन अब्दुल्ला और जयशंकर ने की। यूसुफ बिन अलावी बिन अब्दुल्ला वर्तमान में जीसीसी के मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष भी हैं। वर्ष 1981 में गठित जीसीसी अपने सदस्य छह देशों में आर्थिक, सुरक्षा, सांस्कृतिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देता है। जीसीसी देशों के पास दुनिया का लगभग आधा तेल भंडार है।

बता दे, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) एशिया का क्षेत्रीय समूह है। इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।

भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन नई दिल्ली ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है।

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