INX मीडिया केस: पी. चिदंबरम को गिरफ्तार करने घर पहुंची CBI टीम, दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
By: Pinki Tue, 20 Aug 2019 8:06:29
सुप्रीम कोर्ट ने पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। जिसके बाद INX मीडिया मामले में आरोपी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के घर सीबीआई की टीम पहुंची। चिदंबरम के वहां नहीं मिलने के कारण टीम लौट आई। सीबीआई टीम को लौटे कुछ ही मिनट बीते थे कि ईडी की टीम भी चिदंबरम के घर पहुंच गई है। दोंनो एजेंसियां लगातार उनसे फोन से सम्पर्क करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन कोई यह नहीं बता पा रहा है कि आखिर चिदंबरम हैं कहां?
बता दे, मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से पी।चिदंबरम को बड़ा झटका लगा। हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री की 3 दिन की मोहलत को भी खारिज कर दिया है। जस्टिस सुनील गौर ने चिदंबरम की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने 25 जनवरी को इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी लीग टीम आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार को सुनवाई कर सकता है।
Delhi: A team of Central Bureau of Investigation (CBI) officers arrives at the residence of P Chidambaram. Earlier today, Delhi High Court had dismissed his both anticipatory bail pleas in connection with INX Media case. pic.twitter.com/Zjn4XDiJk7
— ANI (@ANI) August 20, 2019
अग्रिम जमानत याचिका और तीन दिन की मोहलत खारिज होने के बाद अब ईडी और सीबीआई जल्द ही चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुप्रीम कोर्ट में शरण में हैं। चिदंबरम की विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो गई।
क्या है मामला
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब दो दर्जन बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है। ये मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे।
आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। इस मामले में सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी हैं। वो फिलहाल जमानत पर हैं। इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब इंद्राणी मुखर्जी 4 जुलाई को सरकारी गवाह बन गईं। 2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की। जबकि ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इस मामले में आईएनएक्स मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को इस केस में अप्रूवर बनाया गया और इसी साल उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया। सीबीआई के मुताबिक मुखर्जी ने गवाही दी कि उसने कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपये दिए।