सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन योजना को बताया 'तमाशा', कहा - यदि ऐसे प्रयोग की जरूरत थी तो..
By: Pinki Fri, 15 Nov 2019 4:40:01
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़तें स्तर को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू की थी जिसका आज आखिरी दिन है। वही खबर थी कि केजरीवाल सरकार ऑड-ईवन योजना को आगे बढ़ा सकती है लेकिन आज अब इस पर सोमवार को फैसला लिया जायेगा। प्रेस कांफ्रेंस के दौरन केजरीवाल ने बताया कि अगले दो दिनों में हवा कुछ साफ होने के आसार हैं, ऐसे में वह जबरन दिल्ली वालों पर ऑड-ईवन थोपना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि अगर अगले दो-दिनों में स्थिति नहीं सुधरी को सोमवार को ऑड-ईवन पर फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह पराली का जलाया जाना है। जहां एक तरफ केजरीवाल सरकार ये दावे कर रही है कि दिल्ली में ऑड-ईवन की वजह से प्रदूषण में गिरावट हुई है।
वही आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार का 'ऑड-ईवन' फॉर्मूला एक 'तमाशा' है। कोर्ट ने पूछा कि पराली जलाने से अक्टूबर और नवंबर के महीनों में जब पहले से प्रदूषण की मात्रा बढ़ी हुई है तो ऐसे समय में 'ऑड-ईवन' की जरूरत क्यों है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि ऐसे प्रयोग की जरूरत थी तो दिल्ली सरकार को यह प्रयोग अगस्त और सितंबर महीने में करना चाहिए था। तब जाकर इससे पता चलता कि 'ऑड ईवन' से प्रदूषण पर रोक लग पा रही है कि नहीं।
दरअसल, बीते कुछ दिनों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बढ़े हुए प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों में 15 नवंबर तक छुट्टियां कर दी गई हैं। राजधानी के प्रदूषण में वृद्धि का एक बड़ा कारण हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाना बताया जा रहा है। प्रदूषण की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। पिछली बार की सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन योजना पर सवाल उठाए। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद दिल्ली की सड़कों पर टैक्सियों एवं ऑटो की संख्या बढ़ जाएगी और इससे प्रदूषण की समस्या और विकट होगी।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना एक 'तमाशा' है। या तो आप बिना छूट के ऑड-ईवन करते या कोई ऑड-ईवन नहीं करते। बिना छूट के ऑड-ईवन करना ज्यादा तर्कसंगत है।' जस्टिस गुप्ता ने दिल्ली सरकार से पूछा कि उसके वादे के मुताबिक अतिरिक्त बसें कहां पर हैं?